बरेली कोर्ट ने दी 8 लोगों को फांसी की सजा, तिहरे हत्‍याकांड केस में आया फैसला

बरेली दस साल बाद सुरेश शर्मा नगर में हुए तिहरे हत्याकांड में एफटीसी कोर्ट के जज रवि दिवाकर ने फैसला सुनाते हुए छैमार गैंग के आठ बदमाशों को फांसी और बदमाश से लूट के जेवर खरीदने वाले शाहजहांपुर के सर्राफ को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस बारे में इनकम टैक्स इंस्पेक्टर रविकांत मिश्रा ने बताया कि 23 अप्रैल 2014 की सुबह वह अपने भाई योगेश और भाभी को फोन कर रहे थे। लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। महानगर में रहने वाली योगेश की बहन मंजू ने भी फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।इसके बाद रविकांत और मंजू सुरेश शर्मा नगर घर पहुंचे तो देखा घर के बाहर अखबार पड़ा था। निर्माणाधीन मकान के रास्ते घर में घुसे तो देखा शौचालय के पास उनकी मां पुष्पा का शव पड़ा था। कमरे में एक ओर योगेश व दूसरी ओर उनकी पत्नी प्रिया का शव पड़ा था। तीनों की ईंट और लोहे की रॉड से सिर कुचलकर हत्या की गई थी। रविकांत की ओर से थाना बारादरी में हत्या और डकैती का मुकदमा दर्ज कराया गया था।मामले की विवेचना कर रहे दरोगा पर किया था जानलेवा हमला मुकदमे के वादी रविकांत मिश्रा, उनके भाई देवेश मिश्रा, एसआई राजाराम यादव, थाने के मोहर्रिर सत्यपाल सिंह, एसआई गजेंद्र त्यागी, विवेचक अनिल सिरोही, फर्द बरामदगी के गवाह हेड कांस्टेबल मुकेश गिरि, दूसरे विवेचक आरके सिंह, एक्सपर्ट डॉ. केपी सिंह और स्वतंत्र साक्षी प्रियंका मिश्रा ने गवाही दी थी। पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में 35 सबूत पेश किए।तहरीर, लूटे गए सामान की सूची, मृतकों की पंचनामा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट, शवों के फोटो, सीएमओ की रिपोर्ट, एफआईआर की कॉपी, पुलिस द्वारा जीडी में दर्ज की गई सूचना, लूटे सामान की बरामदगी की फर्द, घटना में प्रयुक्त ईट, लोहे की रॉड व सब्बल, खून से सने कपड़े, घटनास्थल का नक्शा और चार्जशीट शामिल है। चुनौतीपूर्ण हत्याकांड का खुलासा इंस्पेक्टर गजेंद्र त्यागी ने किया था। रंजिशन छैमारों ने मेरठ में गजेंद्र त्यागी पर जानलेवा हमला भी किया था। गजेंद्र इन दिनों रामपुर में इंस्पेक्टर हैं।सुरेश शर्मा नगर में डकैती के दौरान हुए तिहरे हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में हुई। आरोप साबित करने को डीजीसी सुनीति पाठक और एडीजीसी क्राइम दिगंबर पटेल ने दस गवाहों के अलावा आरोपियों से बरामद जेवरात, कपड़े, आलाकत्ल आदि कोर्ट में पेश किए।कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर आरोपी शेरगढ़ के कुड़ला नगरिया निवासी वाजिद, डेरा उमरिया के हसीन, यासीन, नाजिमा, हाशिमा, जुल्काम, फईम उर्फ शंकर, संभल में थाना असमौली के बुकनाला के समीर को फांसी और शाहजहांपुर में सदर बाजार के मोहल्ला चौक निवासी सर्राफ राजू वर्मा को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा के बाद परिवार वाले बोले दस साल बाद उन्हें न्याय मिला। उनके परिवार की निर्मम हत्या करने वालों को फांसी की सजा सुनकर चैन मिला।