सिद्धार्थनगर उपजिलाधिकारी इटवा त्रिभुवन प्रसाद ने किया डबरा विद्यालय का औचक निरीक्षण वहीं तीन माह सत्तरह दिन से गायब मिले मुकेश यादव

उपजिलाधिकारी इटवा ने प्राथमिक विद्यालय डबरा का आकस्मिक निरीक्षण सिद्धार्थनगर बृजेश पाण्डेय जिले मे शिक्षा के नाम पर अध्यापकों के द्वारा काफी लापरवाही देखने को मिल रही है जहाँ सरकार एक तरफ प्राथमिक विद्यालय को मार्डन बनाना चाहती है वहीं कुछ ऐसे अध्यापक है जो शिक्षा के नाम पर एक तरफ खिलवाड़ तो कर रहे है वहीं सरकारी मंशा को फेल करने मे कमी नहीं करते न तो बच्चों को पूर्णरूप से शिक्षा दी जाती है वरन सरकारी धन मे भी बंदरबांट होता है जहां बच्चों को न तो सही तरीके से भोजन की व्यवस्था और न ही सुचारु शिक्षा मिल पाती है आज वही जब उपजिलाधिकारी इटवा त्रिभुवन प्रसाद के द्वारा विद्यालय का निरीक्षण किया तो पता लगा कि बिना बताये महोदय जी विद्यालय से गायब है फिर कैसे होगी शिक्षा मे सुधार वहीं उपजिलाधिकारी ने विधिक कार्यवाही कराते हुए जिलाधिकारी सिद्वार्थनगर को अवगत करा दिया है निम्न कार्रवाई की गई--------- (१)मौके पर श्री राधे श्याम सहायक अध्यापक 12 मई अर्थात 3 माह 17 दिन अनुपस्थित चल रहे हैं। श्री मुकेश यादव प्रधानाध्यापक ,श्री मोहम्मद नवाब सहायक अध्यापक, श्री इब्ने हसन सहायक अध्यापक, आकस्मिक अवकाश पर पाए गए ।अनुपस्थित श्री राधे श्याम सहायक अध्यापक का 12 मई से आज तक वेतन काटने के साथ निलंबित किए जाने की रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदय को प्रेषित की जाएगी। (२)कुल पंजीकृत 105 बच्चों में 51 बच्चे उपस्थित मिले जबकि आज से पूर्व एमडीएम रजिस्टर में प्रत्येक दिवस लगभग 70 से 75 बच्चे उपस्थित रहे हैं ।आज ही बच्चों की संख्या कम होने का स्पष्टीकरण मांगा गया है । (३)बच्चों से शिक्षा की गुणवत्ता के संबंध में तीन का पहाड़ा पूछा गया। पाया गया कि बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता ठीक नहीं है ।उपस्थित अध्यापक को चेतावनी दी गई की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करें ।उपस्थित अध्यापक ने आश्वासन दिया की 1 माह के अंदर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार मिलेगा । (४)मौके पर उपस्थित रामसूरत नाम के ग्रामीण द्वारा बताया गया कि विद्यालय में कुछ अध्यापक दिन भर नेट पैक चलाते रहते हैं इसीलिए शिक्षा की गुणवत्ता खराब है ।इस पर उपस्थित अध्यापकों को समझाया गया कि अध्यापक इस तरह से अध्यापन कार्य करें कि आमजन अध्यापकों की तारीफ करें ।हमारी संस्कृति में अध्यापक का दर्जा भगवान से बड़ा है ,उस संस्कृति को बनाए रखें।