ग्रामीणों के लिये बेमानी,निरर्थक और कष्टप्रद साबित हो रही है गांव में बनी नन्दिनी गौशाला, मामला विकास क्षेत्र मिश्रित की ग्राम पंचायत दधनामऊ का।          

सीतापुर-फरवरी/ विकास क्षेत्र मिश्रित की एक ग्राम पंचायत दधनामऊ में संचालित नन्दिनी गौशाला में मौजूद लगभग दोसौ गोवंश समुचित देखभाल और चारा के अभाव में मरणासन्न स्थिति में पहुंच रहे हैं बीते शुक्रवार को पत्रकारों द्वारा इस गौशाला के किये गये निरीक्षण के समय गौशाला के गेट के बाहर पुवाल के कुछ पूरे लगे हुये थे जिनको अगर गौशाला के अन्दर डाल दिया जाता तो शायद अन्दर मौजूद सभी जानवर थोड़ी देर में ही चट कर जाते मौके पर मौजूद एक चौकीदार जो बाहर पन्नी से बनी मड़ैया में सो रहा था उसने बताया कि इन जानवरों को हम रोज भरपेट चारा,पानी देते हैं उससे जब यह पूछा गया क्या यही पुवाल खिलाते हो तो उसने कहा भूसा भी देते हैं जिसको दिखाने की बात कहने पर उसने गौशाला के अन्दर बने एक कमरे का दरवाजा खोलकर दिखाया जिसमें मात्र 40 से 50 किलो तक ही भूसा पड़ा हुआ था गौर तलब है कि अगर गौशाला में मौजूद सभी गोवंशो को यह डाल दिया जाता तो वह एक समय के भोजन के लिये नाकाफी था, इतना ही नहीं कुछ गौवंशो के कान में तो प्लास्टिक के टैग लगे थे अधिकांश बगैर टैग के ही गौशाला में जीवन और मरण से संघर्ष कर रहे थे इस बाबत पूछने पर चौकीदार ने बताया कि डॉक्टर आये थे जो गाये पकड़ में आ गई उनके ही टैग लगाकर चले गये तभी अधिकांश तया गाये बगैर टैग के ही रह गई है।इस गौशाला के विषय में दधनामऊ गांव के ग्रामीणों का कहना है कि इसके चारों ओर बाउण्ड्री नहीं बनवाई गई है हम लोगों ने बांस,तार और बांध की व्यवस्था करके तीन तरफ लद्दा गड़वाये है फिर भी गाय , सांड और उनके बच्चे रात में बाहर निकल कर फसलों को हानि पहुंचाते हैं जिस कारण किसान रात-रात जाग कर अपने खेतों की रखवाली करते हैं और गौशाला से बाहर आई गायों को फिर पकड़कर वहीं बन्द करते हैं,यह सिलसिला हर रात चलता है इस तरह गांव के बाहर बनी यह नन्दिनी गौशाला ग्रामीणों के लिये कष्टकर साबित हो रही है जबकि इसके निर्माण पर कई लाख रुपये की धनराशि खर्च होने के बाद भी इसे बाउण्ड्री बनाकर बन्द नहीं किया गया है।ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा करने वाली प्रदेश सरकार के मुखिया से इस गौशाला निर्माण में हुये भारी गड़बड़ घोटाले की गम्भीरता से जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किये जाने की मांग की है।