गांजा स्मैक के बड़े व्यापारियों की जानकारी जुटाने के लिए खुफिया तंत्र पर लग जाता है जैमर

ऊंचाहार,रायबरेली।गांजा स्मैक व्यवसाई और पुलिस की दोस्ती कितनी जबरदस्त है,जिसका जीता जागता नमूना सामने है।पुलिस के मुखबिर कितने सक्रिय है,यह जारी प्रेस विज्ञप्तियों से पता लग जाता है।पुलिस मुखबिर तंत्र गांजा स्मैक पीने और 100/200 ग्राम रखने वालों की पूरी खबर रखते है।लेकिन व्यवसाई के माल लाने ले जाने और बेचने के ठिकानों को नही जानते है,आखिर ऐसा क्यूं है।बड़े व्यवसाई के छोटे छोटे दुकानदार और पीने वालों को पुलिस बहुत जल्द पकड़ कर सलाखों के पीछे भेजने से नही चूकते है।जबकि इस व्यवसाय के बड़े कारोबारियों के गिरेबान तक हांथ पहुंचाने में पुलिस की रूह कांपती है।इनका खुफिया तंत्र कहां काम करता है।बात करे ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र में गांजा स्मैक के दो बड़े कारोबारी है,जिन्हे प्रशासन बखूबी जानता है और पहचानता है।लेकिन कार्यवाही के नाम हांथ पांव और वर्दी का रौब भी धरा का धरा रह जाता है।जबकि किसी के पास गांजा की पुड़िया निकल आई तो चौकी की पुलिस पकड़ कर गाड़ी पर बैठाकर ऐसा घुमाती है की जैसा बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो।वह भी तब तक घुमाए जाते है जब तक बात नही बनती।बात बनते ही व्यक्ति पाक साफ बनाकर छोड़ दिया जाता है।जबकि वर्तमान उत्तर प्रदेश शासन में माननीय योगी जी के दिशा निर्देशों के अनुसार निर्दोषों को परेशान न किया जाए और पीड़िता को त्वरित न्याय मिले के लिए संकल्प बद्ध है।बावजूद भी पुलिस प्रशासन आम जनता में वर्दी का भय दिखाकर परेशान करने का कार्य करती है।ऐसे में पुलिस की खुफिया तंत्र और मुखबिरों पर सवाल उठते है।आखिर समाज ऐसे गतिविधियों में शामिल लोगों पर पुलिस के यह सारे तंत्र कहां रह जाते है।जो जनपद के उच्चाधिकारियों को ऐसे गतिविधियों में शामिल लोगों की जानकारी नहीं देते है।जिससे उच्चाधिकारियों द्वारा ऐसे लोगो पर कार्यवाही हो सके।समाज के पैरोकारों की बातों पर गौर करे तो समाज की वर्तमान नस्ल आधे से ज्यादा नशे की गिरफ्त में आ चुका है।अच्छे खासे युवाओं को इसकी लत लगाकर खुद ऐश की जिंदगी जीते है।जिन्हे कुछ करके समाज में कुछ कर दिखाने का जज्बा था,आज नशे की गिरफ्त में आकर सिर्फ जेल से अंदर और बाहर का खेल खेल रहे है।कुछ तो अपने आप को ऐसे कारोबारियों की मकड़जाल से निकल कही और अपना आशियाना बनाने पर मजबूर हो गए।क्योंकि कारोबारी की पकड़ का अंदाजा कुछ प्रशासन की कार्यवाहियों से लगाया जा सकता है।अन्य प्रदेश की पुलिस ने ऊंचाहार के दो बड़े कारोबारियों पर छापे मारे की थी और एसटीएफ द्वारा दो गाड़ियों को माल सहित कब्जे में लेकर सीज किया था।लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा ऐसे लोगो पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।जबकि कारोबारियों के राह रोड़ा उत्पन्न करने वाले आज सलाखों के पीछे है।उन्हे खुद को संभालने और बेगुनाह साबित करने के लिए जिंदगी की सारी जमा पूंजी लगा दी और घर परिवार से बाहर रहकर कोर्ट में पेश होते है।जो सोचने पर विवश करता है की आखिर कब और कैसे निर्दोषों को न्याय मिलेगा,कौन सुनेगा इनकी फरियाद,कब दोषियों को मिलेगी सजा।ऐसे कई सवाल जेहन में उठते है।क्योंकि जिनके पास कुछ कर गुजरने की शक्ति है,वह तो मलाई काटने में लगे है।

कोतवाली क्षेत्र के गंज मजरे गंगौली निवासी शिवम जायसवाल शनिवार की सुबह गांजा लेकर जा रहा था, मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे कंदरावां चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया, तलाशी के दौरान उसके पास से 1100 ग्राम गांजा बरामद किया गया।कोतवाल आदर्श कुमार सिंह ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर युवक को जेल भेजा गया है।