पुलिस महानिरीक्षक बरेली परिक्षेत्र बरेली डॉक्टर राकेश सिंह के द्वारा बाल संरक्षण,पोर्टल आदि के संबंध में कार्यशाला का किया गया आयोजन, कार्यशाला में उपस्थित लोगों को दिए गए निर्देश।

पुलिस महानिरीक्षक बरेली परिक्षेत्र बरेली डॉक्टर राकेश सिंह के द्वारा बाल संरक्षण,पोर्टल आदि के संबंध में कार्यशाला का किया गया आयोजन, कार्यशाला में उपस्थित लोगों को दिए गए निर्देश।

राजेश गुप्ता संवाददाता

जनपद बरेली में रिजर्व पुसिल लाइन स्थित सभागार में पुलिस महानिरीक्षक बरेली परिक्षेत्र बरेली डा0 राकेश सिंह की अध्यक्षता में बाल संरक्षण अधिनियम,पॉक्सो अधिनियम 2012,किशोर न्याय अधिनियम 2015, आइ०टी० एस०एस०ओ एंव चाइल्ड ट्रैक पोर्टल आदि के संम्बन्ध में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है।कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए संयुक्त निदेशक अभियोजन एवं शेष अभियोजन अधिकारी जनपद बरेली के द्वारा पॉक्सो एक्ट की विवेचना करने के संम्बन्ध में जानकारी दी गयी है।पुलिस अधीक्षक यातायात द्वारा पॉक्सो एक्ट,किशोर न्याय अधिनियम, आइ०टी०एस० एस० ओ,गुमशुदा बच्चों के सम्बन्ध में हर पहलु पर जानकारी दी गयी है।कार्यशाला में पीड़ित बच्चों के साथ हुए अपराध/लैंगिंक अपराध के सम्बन्ध में तत्काल अभियोग पंजीकृत करने,महिला उ०नि० द्वारा बयान दर्ज कराने,पीड़ित बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कराने,161 सीआरपीसी व 164 सीआरपीसी के बयान दर्ज कराने के विस्तार से जानकारी दी गयी है।पीड़ित बच्चों के चिकित्सीय परीक्षण के सम्बन्ध में स्पष्टतौर पर बताया गया कि सभी बच्चों का शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर आयु निर्धारित की जाये,यदि शैक्षिक प्रमाण पत्र नगर पालिका व ग्राम पंचायत द्वारा जारी नही किया गया है तो बाल कल्याण समिति की अनुमति के उपरांत ही चिकित्सीय परीक्षण कराया जाये।इसके अलावा किशोर न्याय अधिनियम के अंर्तगत,देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक,विधि का उलंघन करने वाले किशोरों के संम्बन्ध में विधिक प्रकिया की पूरी जानकारी दी गयी है।आइ०टी० एस०एसओ के अनुसार लैगिंक अपराधो की विवेचना दो माह के भीतर निस्तारण करने के निर्देश दिये गये है।पुलिस महानिरीक्षक डॉ राकेश सिंह के द्वारा संबोधित करते हुए कहा गया है कि बच्चे हमारे भविष्य है इनके साथ किसी भी प्रकार का अपराध नही होना चाहिये,बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में तत्काल एफआईआर दर्ज कराते हुए चिकित्सीय परीक्षण कराकर महिला उ०नि० के स्तर के अधिकारी से बयान दर्ज कराकर विवेचना दो माह के अन्दर निस्तारित करानी चाहिये।गुमशुदा बच्चों के सम्बन्ध में लापरवाही विल्कुल भी न बरती जाये,उन्हे शीघ्र बरामद कराकर उनके परिजनों को सौपा जाना चाहिये।गुमशुदा बच्चों के परिजनों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।किसी भी विधिक कार्यवाही में उनकी सहमति व उनको साथ लेकर ही कार्यवाही की जाये आदि के निर्देश दिए गये।कार्यशाला में सभी थानों में तैनात महिला निरीक्षक / उ0निरीक्षक,थानों में तैनात बाल कल्याण पुलिस अधिकारी,क्षेत्राधिकारी कार्यालय में तैनात बाल कल्याण से अपराध मुंशी,प्रभारी एस० जे०पी०यू०/ए०एच०टी०यू० / डब्लू०सी० एस०ओ, चाइल्ड हेल्प लाइन के अध्यक्ष व सदस्य,वन स्टाप सेन्टर, बाल कल्याण समिति बरेली के सदस्य, जिला प्रोवेशन अधिकारी, डिविजनल रिसोर्स पर्सन यूनिसेफआदिमोजूदरहें है।