हरदोई से नेपाल और बांग्लादेश तक हो रहा नशे का कारोबार, संगठित गिरोह मुनाफा कमाने में जुटा था, 5 फर्म का लाइसेंस निरस्त, दो स्टॉकिस्टों की भूमिका संदिग्ध

हरदोई। कोडिन युक्त फेन्सेडिल कफ सीरप की आड़ में किस तरह से बांग्लादेश और नेपाल तक नशे का कारोबार किया जा रहा है, इसका खुलासा जांच में हुआ है। ड्रग महकमें की टीम ने जो जांच की, उसमें इस तरह का खुलासा होने से अफसरों तक के कान खड़े हो गए। इस मामले में दागी निकली ड्रग की 5 फर्मों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।

ड्रग इंस्पेक्टर स्वागतिका घोष के मुताबिक शासन के निर्देश पर एबाट हेल्थकेयर प्रा.लि.के स्टाकिस्ट बीके ट्रेडर्स रेलवे गंज और लक्ष्मी नारायण बाल कृष्ण मेडिसिन सदर बाज़ार की जांच की गई तो पाया गया कि इन फर्मों से कोडिक फेन्सेडिल कफ लिक्विड की सप्लाई में हेराफेरी की गई। गहराई से जांच की गई तो पता चला कि शहर की जगन्नाथ इंटरप्राइजेज, बालाजी इंटरप्राइजेज, मां काली इंटरप्राइजेज, मां वैष्णो एजेंसीज़ और जेएमडी एजेंसीज़ ने कोडिक फेन्सेडिल कफ लिक्विड की सप्लाई में खेल किया। उनका स्टाक चेक करने पर और भी कई गड़बड़ियां पकड़ी गई। इस मामले में पांचों फर्म जगन्नाथ इंटरप्राइजेज, बालाजी इंटरप्राइजेज, मां काली इंटरप्राइजेज, मां वैष्णो एजेंसीज़ और जेएमडी एजेंसीज़ के ड्रग लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। जांच में 100 एमएल की एक लाख बोतलों का कोई रिकार्ड नहीं हाथ आया। जांच टीम ने माना कि इस तरह से इन नशीली दवाओं को बांग्लादेश और नेपाल के अलावा आस-पड़ोस के ज़िलों में सप्लाई किया जा रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि अभी दो स्टाकिस्टों की जांच चल रही है। उसके बाद ही सारी तस्वीर साफ होगी। फिलहाल ड्रग विभाग की इस कार्यवाही से नशे का कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया है।