खनन कर्ताओं ने दे डाला सोन नदी बिजोरा गांव के पास अगोरी खास चोरा टोला को तालाब की शक्ल, नियमों को ताख पर रख कर किया जा रहा खनन

प्रमोद गुप्ता (9005392789)

सोनभद्र । ऊंची रसूख रखने वाले कुछ खननकर्ता ऐसे हैं, जिनके लिए पर्यावरण से जुड़े नियम-कायदे मायने नहीं रखते।

ताजा मामला सोन नदी के बिजोरा गांव के पास अगोरी खास चोरा टोला का है।

इसमें जहां मजदूरों की जगह, पोकलेन से बालू खनन होता दिख रही है।

वहीं सोन नदी बिजोरा गांव के पास अगोरी खास चोरा टोला की धारा की जगह-जगह तालाब-बावली जैसी शक्ल नजर आ रही है।

यह हालत तब है, जब पर्यावरण के कड़े नियम निर्धारित हैं।

निगरानी के लिए, खान दफ्तर के अलावा क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय संचालित है।

डीएम चंद्रविजय सिंह भी पर्यावरणीय समिति और जिला स्तरीय बैठक में कई बार इसको लेकर निर्देश दे चुके हैं।

बावजूद, इस सीजन में खनन शुरू होने के महज माह भर बाद, सोन नदी बिजोरा गांव के पास अगोरी खास चोरा टोला से जिस तरह की तस्वीरें और वीडियो सामने आई हैं, उसने दावों को तार-तार कर दिया है।

जो वीडियो सामने आई है, इसी स्वीकृत पट्टा स्थल के करीब का बताया जा रहा है।

बताते हैं कि यहां खनन में पर्यावरणीय नियमों-जलीय पर्यावरण मानदंडों को तार-?तार तो किया जा रहा है कुछ लोगों की तरफ से इसको लेकर शिकायतें किए जाने की भी बात सामने आई है।

तालाब-बाउली के शक्ल में जमा पानी, नदी की प्राकृतिक धारा से छेड़छाड़ कर बनाए गए अस्थाई रास्तों से वाहनों का आवागमन बना हुआ है।

इस बारे में यहां बालू साइट से जुड़े कथित संचालकों-देखरेख करने वालों से जानकारी चाही गई तो उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी से कन्नी काट ली।

वहीं, ज्येष्ठ खान अधिकारी राकेश बहादुर सिंह का कहना था कि नदी के प्राकृतिक स्वरूप से किसी भी रूप में छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।

वहीं, डीएम की तरफ से नदी की प्राकृतिक धारा के स्वरूप को परिवर्तित करने या किसी नदी की धारा को प्रभावित करते हुए, रास्ता बनाने-बांधने का कोई कार्य न करने को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं।

कहा कि संबंधित साइट और उसके पास बताए जा रहे खनन की जांच की जाएगी।

अगर नियमों का उल्लंघन मिलता है तो कड़ी कार्रवाई होगी।