मन्नतों के चिराग से जगमग हुआ खानकाह-ए-नियाजिया

बरेली खानकाह-ए-नियाजिया में गुरुवार शाम को रोशन हजारों चिरागों से नजारा नूर से भर गया। तीन सौ साल पुरानी चिरागा की रस्म को अदा करने के लिए बड़ी संख्या में अकीदतमंद उमड़े।गुरुवार को गौस पाक के नाम के चिराग खानकाह में चारों तरफ रोशन नजर आए। हर कोई एक ही रंग में रंगा हुआ था। मन्नत का चिराग हासिल करने के लिए लोग लंबी कतारों में लगे नजर आए। देर रात तक लोग पूरे अदब के साथ चिराग रोशन करते रहे। खासतौर से महिलाओं में अधिक उत्साह देखने को मिला।मान्यता है कि जश्न-ए-चिरागा के दौरान मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। मुराद पूरी होने पर अगले साल चांदी का चिराग पेश किया जाता है। खानकाह के प्रबंधक शब्बू मियां नियाजी ने बताया कि सज्जादानशीन मेहंदी मियां ने देर रात तक मन्नतों के चिराग बांटे। कव्वाली के बाद देर रात हजरत गौस-ए-आजम व निजामुद्दीन औलिया का कुल हुआ। सज्जादानशीन ने देश में अमन के लिए दुआ की। इधर मेडिकल कैम्प भी लगाया गया था।