आवारा पशुओं के आतंक से त्रस्त शहर की जनता

कुचामन शहर कहने को तो नागौर जिले का तेजी से विकास करता शहर है लेकिन इस विकास के साथ शहर में कई ऐसी समस्याएँ जन्म ले रही है जिनका समाधान अत्यंत आवश्यक है उन समस्याओं में से एक है आवारा पशुओं का आतंक । आज शहर के हर गली मोहल्ले बाजारों में आवारा पशु घुमते-फिरते मिल जायेंगे फिर चाहे वो गौवंश हो या सूअर और कुत्ते । इन पशुओं की वजह से जनता को कई तरह की तकलिफों का सामना करना पड़ता है । आवारा गौवंश की समस्या के लिए पशुपालक व प्रशासन दोनो ही जिम्मेदार हैं दोनो ही अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है । कुचामन की जनता प्रशासन से पिछले कई वर्षों से शहर में काँजी हाऊस के निर्माण की मांग कर रही हैं लेकिन प्रशासन जनता की इस मांग को अनसुना कर रहा है । आवारा गौवंश के पुनर्वास के लिए पिछ्ली सरकार व वर्तमान सरकार ने नंदी शाला की स्थापना की घोषणा की थी लेकिन अभी तक ये घोषणा मूर्त रूप नहीं ले सकी है । वहीं दूसरी ओर आवारा कुत्तो और सूअरों को पकड़ने की मांग पर प्रशासन द्वारा साधन ना होने का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है ।