रेशमी धागे के साथ , बहनों ने बांधा प्यार..

सलोन, रायबरेली।कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय सलोन में रक्षाबंधन के पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा, जिसमें माधुरीलता, तबस्सुम जहां, आयशा कफील ,मोहम्मद मैसर रीता देवी आदि शिक्षकों ने विशेष सहयोग किया।विद्यालय में पढ़ने वाले बहनों ने भाइयों को राखी बांधी और मुंह मीठा कराया। विद्यालय की प्रधानाचार्य साधना शर्मा ने रक्षाबंधन के पर्व को मनाने के उद्देश्य और इस पर्व के महत्व को कुछ इस तरह समझाया।

कितना प्यारा है,यह राखी का त्यौहार।भाई की कलाई में बहनों ने जीवन की बांधी डोर।जब आहत हुई थी, सुदर्शन चक्र से तर्जनी।द्रौपदी ने फाड़ साड़ी को, कान्हा को पट्टी बांधी थी।दु:शासन ने षड़यंत्र रचा था, द्रौपदी का अपमान करने का कृष्ण ने फर्ज निभाया, दु:शासन सफल न हो पाया।रक्षा धागा बहनों ने बांधा, भाई की दी कलाई में भाई की उम्र बढ़े सौ साल, रिश्ते हो उनसे नि:स्वार्थ इस पर्व का प्रतिबंध न होता, अपनों के खूनी रिश्तों से।रानी कर्मावती ने रक्षार्थ, हुमायुं को राखी भेजी थी।हुमायुं भी बहन की रक्षा को, शीघ्र सेना संग कूच किया था।बहनों का अलौकिक पर्व, ये अमिट प्रेम का द्योतक है।हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई ने भी बिन भेदभाव राखी बंधवाई।प्राचीन काल में गुरु द्वारा, शिष्य को राखी बांधी जाती। जनेऊ धारी इस पूर्णिमा में, नई जनेऊ धारण करता है।"नाज़" कैसा अद्भुत त्यौहार, पिता को भी पुत्री बांधें रक्षा डोर।