बड़े होटल में भूमाफियाओं की आपातकालीन बैठक...आपत्तिजनक चर्चाओं का रहा सिलसिला...बिकाऊ अधिकारी की खूब चर्चा...3 किश्त व 45 लाख की मिस्ट्री... गुप्त रोग से ग्रषित इस भूमाफिया के चलते बाकी स्वच्छ मानसि

बिलासपुर डेस्क - बिलासपुर संभाग के एक जिले के एक विवादित निकाय को लेकर इन दिनों काफी चर्चा हैं, क्योंकि इस निकाय में भ्रष्टाचार अपनी चरम पर हैं, साथ ही इस जिले में भूमाफियाओं ने भारी उपद्रव मचा रखा हैं नतीजा यह हैं कि भुपेश सरकार को करोड़ों की राजस्व क्षति हो रही हैं, बावजूद इसके इन पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकी हैं, न ही उनके अवैध प्लाटिंग के सड़कों को ध्वस्त किया जा रहा हैं।
हाल ही में इस जिले के राजनीतिक भूमाफियाओं की बड़े पैमाने पर शिकायत हुई थी जिसके चलते जिले में कई महीनों से अवैध प्लाटिंग में रजिस्ट्री रुक गई थी, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बाद में भूमाफियाओं के सरगना ने बाकी भूमाफियाओं से रजिस्ट्री खोलवाने की बात बोल सबसे लंबी रकम वसूल जिले के एक बड़े अधिकारी को देने की बात की गई, भूमाफियाओं की सरदारी कर रहे इस सरगना भूमाफिया ने बड़ी रकम इस अधिकारी को देने का दावा किया, और बाकी भूमाफियाओं को आश्वस्त किया कि 2-4 दिनों में रजिस्ट्री खुल जाएगी, हुआ भी ऐसा, रजिस्ट्री तो खुली पर केवल 3 भूमाफियाओं की, जिसमें संबंधित अधिकारियों की लापरवाही, गलती की वजह से भारी पैमाने पर बेधड़क नियम-विरुद्ध रजिस्ट्री होती भी रही।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब इस पूरे मामले की शिकायत हुई तो हाल ही में 4 दिनों से पुनः जिले में अवैध प्लाटिंग पर रजिस्ट्री बंद हो गई हैं जिससे तिलमिलाए भूमाफियाओं ने शहर के एक बड़े होटल में आपातकालीन बैठक आयोजित किया, जिसमें भूमाफियाओं की सरदारी कर रहे इस राजनीतिक भूमाफिया को सभी ने खरीखोटी भी सुनाई, जिस पर भूमाफियाओं के इस सरगना, सरदार ने बताया कि हम सभी ने रजिस्ट्री खुलवाने एक बड़े अधिकारी को 3 किश्तों में करीब 45 लाख दिया हैं उसके बाद भी वर्तमान में रजिस्ट्री बंद कर दिया गया हैं, और अभी फिलहाल वह अधिकारी यहाँ नहीं हैं तो क्या करें ? भूमाफियाओं द्वारा आयोजित इस बैठक में अवैध प्लाटिंग की शिकायत करने वालों, जानकारी एकत्र करने वालों और खबर छापने वाले पत्रकारों पर हमले कराने और झूठे मामलों में फंसाने तक की वृहद चर्चा हुई।
अब सवाल यह उठता हैं कि भूमाफियाओं की ओर से सरदारी कर रहे सत्तापक्ष से जुड़े इस भूमाफिया का राजनीतिक कैरियर कितनी दूरी तक सफर तय करता हैं, यह देखना दिलचस्प होगा ? जमीन के कारोबार से अवैध व गैरकानूनी ढंग से बेहिसाब धन संपत्ति अर्जित करने वाले इस भूमाफिया से पूरी जनता त्रस्त और आक्रोशित हैं, विधानसभा चुनाव में इसके दुष्परिणाम जरूर दिखाई देंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस राजनीतिक भूमाफिया और जमीन दलाल ने शहर के एक बड़े तालाब, नाला और कॉलेज की शासकीय जमीन को नहीं बख्शा हैं। गुप्त रोग से ग्रषित इस भूमाफिया के चलते बाकी स्वच्छ मानसिकता के जमीन कारोबारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही हैं।
भूमाफियाओं के इस बैठक के बाद जिले के पत्रकारों, शिकायतकर्ताओं व राजनीतिक लोगों की भी बैठक हुई जिसमें भूमाफियाओं की करतूतों को उजागर करते हुए उनके फर्जीवाड़े को जनता के सामने लाने चर्चा हुई, तथा मुख्यमंत्री व पुलिस प्रशासन से मिलकर इस राजनीतिक भूमाफिया व उनके साथियों के संबंध में अवगत कराने की विस्तार से चर्चा हुई।