उत्तराखंड में सड़क दुर्घटना में शहीद हुए जवान का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पीलीभीत के पैतृक गांव गौनेरी दान पहुंचा, राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से शहीद को दी गई अंतिम विदाई।

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटना में शहीद हुए जवान का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पीलीभीत के पैतृक गांव गौनेरी दान पहुंचा, राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से शहीद को दी गई अंतिम विदाई।

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।


उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत की कोतवाली जहानाबाद क्षेत्र के ग्राम गौनेरी दान के रहने वाले ए एस सी बटालियन के सेनानायक असलम खान का सोमवार दोपहर 22 मई 2023 को 1बजे के लगभग उत्तराखंड के नेशनल हाईवे 94 ऋषिकेश चंबा मोटर मार्ग टिहरी जिले के बेमूर नरेंद्र नगर सड़क दुर्घटना में राशन ले जाते समय सेना का ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया,इस सड़क दुर्घटना में 38 वर्षीय सेनानायक असलम खान मौके पर शहीद हो गए तथा ट्रक में सवार एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया है।आज सड़क दुर्घटना में शहीद असलम खान का पार्थिव शरीर उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत की कोतवाली जहानाबाद क्षेत्र के पैतृक गांव गौनेरी दान में जब सेना के जवान तिरंगे में लपेटकर लेकर पहुंचे तो सभी ग्राम वासियों की आंखें नम हो गई।शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर आए सेना के जवानों ने नम आंखों ने सलामी दी।बही मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी सदर देवेंद्र सिंह,क्षेत्राधिकारी सदर प्रतीक दहिया,कोतवाल जहानाबाद अशोक पाल के द्वारा शहीद सेनानायक असलम खान के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर नम आंखों से श्रद्धांजलि दी है।तदोपरांत शहीद सेनानायक असलम खान के परिजनों के द्वारा घर के समीप स्थित कब्रिस्तान में शहीद के पार्थिव शरीर को सुपुर्द ए खाक किया गया है।आपको बताते चलें शहीद सेनानायक असलम खान काफी मिलनसार प्रवृत्ति के व्यक्ति थे और अभी हाल में ही कुछ दिन पहले अपने गांव में आए थे।शहीद सेनानायक असलम खान पुत्र बुंदू खान घर में अपने चार भाइयों से सबसे छोटे थे और अपने पीछे पत्नी नुजहत और दो मासूम बच्चे सोफिया उम्र 7 वर्ष और शदफ उम्र 2 वर्ष को छोड़ गए हैं।अकस्मात सेनानायक असलम खान के शहीद हो जाने से उनके घर में मातम छाया हुआ है तथा दोनो बच्चों को महिलाएं पापा ड्यूटी पर गए हैं यह दिलासा देते हुए देखी गई हैं।सेनानायक असलम खान के शहीद हो जाने के बाद जब उनका तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो गांव के मुस्लिमों के अलावा हिंदू लोगों के आंखों में आंसू देखे गए हैं।