राजस्व व् पुलिस की मिलीभगत से विधवा की जमीन पर निर्माण,विधवा बेघर

ऊंचाहार,रायबरेली।शासन दबंग,भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर अवैध तरीके से कब्जेदारो की मंशा पर पानी डाल रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की मेहरबानियों पर अवैध कब्जेदार मौज भी काट रहे है और पीड़ित समाधान दिवस,तहसील दिवस,1076 और जिलाधिकारी की चौखट पर प्रार्थना पत्र देते देते परेशान हो गया किंतु न्याय नहीं मिला और अंत में प्रदेश के मुखिया की तरफ आस की टकटकी लगाकर शिकायती पत्र भेज कर न्याय की गुहार लगाई है।हालांकि जांच का आदेश उन्ही अधिकारियों को मिलेगा जो पूर्व में पीड़ित को हताश कर चुके है।अब सवाल उठता है कि अगर रामराज्य में पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो न्याय कब और किसके शासन में मिलेगा?आखिर शासन द्वारा लगातार भू माफियाओं और दबंगों सख्त से सख्त कार्यवाही होती है,बावजूद भी दबंग अपनी दबंगई से बाज नहीं आ रहे है।
बताते चले कि ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र सलीमपुर भैरव मजरे आकोढीया निवासी श्यामा देवी पत्नी स्वर्गीय हरिश्चंद्र ने मुख्यमंत्री को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से बताया की उसके ससुर स्वर्गीय रामधनी के नौ पुत्र थे।जिनमे दूसरे नंबर पर पीड़िता के पति थे।पीड़िता के पति के पांच भाइयों ने अपना हिस्सा लिखा पढ़ी के साथ पीड़िता के पति को दिया था और वह पांचों लोग कोतवाली क्षेत्र के तुला के पुरवा में रहने लगे।पीड़िता के हिस्से में ससुर की संपति में छ भाग मिलना चाहिए।किंतु दबंग व् सरहंग किस्म के रामलाल पुत्र स्वर्गीय रामधनी ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर पीड़िता की पूरी संपत्ति पर कब्जा कर लिया।पीड़िता अपने घर से पलायन कर सगे संबंधियों के यहां रहने को मजबूर है।क्योंकि पीड़िता को प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से फोन और सामने से घर खाली करने की धमकियां मिल चुकी है।जबकि पूर्व में पीड़िता और पीड़िता की बेटी को कोतवाली में भी बंद कराया जा चुका है।पीड़िता ने मुख्यमंत्री के साथ साथ उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।अब देखना ये है की ऊंचाहार राजस्व प्रशासन धृतराष्ट्र की तरह आंखे मूंदे कब तक विधवा को वनवास कराते है और कब न्याय देते है कि वह अपने घर में रह सके।अपनी संपति पर कब्जा पा सके।इतना सब कुछ होने के बाद भी पीड़िता की जमीन सरहंग द्वारा जबरन निर्माण कार्य कराया जा रहा है।