आवारा पशुओं को रोकने का प्रशासनिक दावा खोखला,बड़ी समस्या बने छुट्टा जानवर

इटियाथोक,गोंडा।प्रशासन का दावा है,कि छुट्टा घूम रहे जानवरों को गौशालाओं में संरक्षित कर दिया गया है। दावे तो यह भी किए जा रहे हैं, कि लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।लेकिन इससे इतर कस्बा से लेकर गांवों तक हर जगह आवारा जानवरों के झुंड देखे जा सकते हैं। इटियाथोक ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत नरौरा-भर्रापुर,अर्जुनपुर, कंचनपुर,विशुनपुर माफी,विशुनपुर संगम, बेनीपुर में गौशालाएं संचालित हैं,जिनमें गोवंश संरक्षित किए गए हैं।

गंभीर हुआ आवारा पशुओं का मुद्दा

किसानों के साथ-साथ कस्बे के लोग भी आवारा जानवरों से परेशान हैं।यहां तक कि दुकानदार और सड़क चलते राहगीर भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।झुंड के झुंड आवारा गोवंश गलियों और सड़कों पर दिख जाते हैं।स्थानीय प्रशासन का दावा है,कि बड़ी संख्या में छुट्टा जानवरों को गौशालाओं में संरक्षित कर दिया गया है।उनका तो यह भी दावा है, कि लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया है।एडीओ पंचायत परमात्मा दीन ने बताया,कि ब्लॉक क्षेत्र में अभी सात गौशालाएं संचालित हैं,जिनमें गोवंश संरक्षित हैं।जब इस बात का रियलिटी टेस्ट करने के लिए ' सिटी अपडेट ऐप' की टीम रमवापुर नायक, जगता पुर, सदाशिव बाजार आदि जगहों पर पहुंची तो देखा,कि गोवंश झुंड बनाकर घूम रहे हैं जिससे किसान, व्यापारी सभी परेशान हैं। ग्रामीण लाल जी वर्मा, धनीराम,रमेश वर्मा,संजय गिरि, गोपीनाथ,विनोद तिवारी,शिवकुमार तिवारी,हंसराज,छोटकउ दूबे, तिलकराम,सतगुरु,राम हेत,अर्जुन वर्मा,रामयज्ञ तिवारी का कहना हैं, कि सरकार के निर्देश का कोई पालन नहीं हो रहा है।आवारा पशु खेतों में घुस कर फसल बर्बाद कर देते हैं। ये आवारा पशु कागजों में केवल संरक्षित किए हैं।आज हालत ये है,कि हमें दिन-रात रखवाली करनी पड़ रही है।