जानवरों को मच्छरों से बचाने के लिए आग जलाकर बनाए गए धुआं से छप्पर में लगी आग,पिता–पुत्र और भाई के अलावा तीन जानवर बुरी तरह आग से जले,लाखों का सामान जलकर हुआ राख।

जानवरों को मच्छरों से बचाने के लिए आग जलाकर बनाए गए धुआं से लगी आग,पिता पुत्र और भाई सहित तीन जानवर बुरी तरह आग से जले,लाखों का सामान जलकर हुआ राख।तहसील सदर कर्मचारियों ने कि सिर्फ खानापूर्ति।

राजेश गुप्ता संवाददाता पीलीभीत।

यूपी के जनपद पीलीभीत की कोतवाली जहानाबाद क्षेत्र के ग्राम सुंदरपुर में बीती रात जानवरों को मच्छरों से बचाने के लिए आग जला कर बनाए गए धुआं से पर में लगी आग ने भयंकर रूप ले लिया।आग लगने के कारण पिता पुत्र और उसका भतीजा के अलावा 3 जानवर बुरी तरह से आग से जल गए हैं नहीं घर में रखा लाखों रुपए का सामान जलकर राख हो गया है। तहसील सदर कर्मचारियों की टीम ने गांव में जाकर घटनास्थल का मौका मुआयना कर खानापूर्ति की है बही मीडिया के द्वारा जानकारी करने पर कोई भी संतोष ना जवाब नहीं दिया गया है।आपको बताते चलें ग्राम सुंदरपुर के निवासी बीरबल पुत्र जयराम ने अपने घर के सामने बने छप्पर में बंधे हुए जानवरों को मच्छरों से बचाने के लिए बीती रात आग जलाकर धूआ किया था।बताया जा रहा है रात 10:30 बजे के समय धुआं से बनी आग ने भयंकर रूप ले लिया और छप्पर को जलाते हुए घर की ओर बढ़ गई आग बुझाने के लिए बीरबल ने कोशिश की तो बीरबल और उसका भाई पंचम लाल तथा भतीजा सोमपाल बुरी तरह से जल गया है तथा इस आग से घर में बने 3 जानवर की बुरी तरह से जल गए हैं।सूचना पर मौके पर कोतवाल जहानाबाद प्रभारी निरीक्षक अशोक पाल हल्का दरोगा निरंजन सिंह के साथ मौके पर पहुंचे तथा दमकल विभाग की गाड़ी भी मौके पर पहुंची जिससे बमुश्किल आग पर काबू पाया गया है।वहीं घायल बीरबल की पत्नी मंजू ने बताया है घर में कैसे आग लग गई पता इसके अलावा मंजू ने शॉर्ट सर्किट और जानवरों को मच्छरों से बचाने के लिए लगाई गई आग से घर में आग लग जाने के बारे में जानकारी दी है।यहां आपको बताना बेहद आवश्यक है आग इतनी भयंकर थी कि ग्रामीणों की मदद से दीवार को तोड़कर आग में फंसे लोगों को बचाया गया है।बताया जा रहा है इस आग के कारण घर में रखा खाने पीने का लाखों रुपए का सारा सामान जलकर राख हो गया है,सुबह पीलीभीत की तहसील सदर के नायब तहसीलदार शशांक सिंह और हल्का लेखपाल मुकेश मिश्रा मौके पर पहुंचे तथा घटनास्थल का मौका मुआयना कर आर्थिक नुकसान को जाना है। मीडिया के द्वारा तहसील कर्मचारियों से जानकारी लेने पर तहसील कर्मचारियों के द्वारा कोई भी आर्थिक नुकसान की जानकारी नहीं दी गई है ऐसा लग रहा है कि तहसील कर्मचारियों ने सिर्फ खानापूर्ति की है।