इमानुएल चर्च स्कूल उतरौला प्रधानाचार्य आशीष विक्टर के मनमानी रवैया एवं बच्चों के भविष्य को लेकर अभिवावकों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

उतरौला (बलरामपुर)मंगलवार को अभिभावक मोहिब्बे पजंतन एवं प्रवेज खान ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी संतोष कुमार ओझा को सौंप इमानुएल चर्च स्कूल उतरौला द्वारा किए जा रहे नियम विरुद्ध कार्य व मनमानी रवैये पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। अभिभावकों का आरोप है कि कक्षा 1 से 8 तक के दर्जनों बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रोन्नत देने के बाद भी अगली कक्षा में दाखिला नहीं दे रहा उतरौला का इमानुएल चर्च स्कूल। स्कूल प्रबंधन प्रोन्नत पाए बच्चों के कम प्रतिशत का बहाना बनाकर उसी कक्षा में पुनः प्रवेश के लिए अभिभावकों पर बेजा दबाव बना रहा है। अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य आशीष विक्टर कह रहे हैं कि जिन बच्चों के प्रतिशत कम आए हैं उन बच्चों का प्रवेश अगर इसी स्कूल में कराना है तो जिस कक्षा से विद्यार्थी प्रमोट हुआ है पुनः उसी कक्षा में नामांकन कराना होगा। कम प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण बच्चों का प्रवेश किसी भी दशा में अगली कक्षा में नहीं किया जाएगा। यदि अगली कक्षा में प्रवेश कराना है तो विद्यालय से ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्राप्त कर किसी अन्य विद्यालय में प्रवेश करा लें। प्रधानाचार्य आशीष विक्टर के मनमानी रवैया एवं बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक चिंतित हैं। कोई भी अभिभावक इस समस्या की शिकायत इसलिए नहीं करते क्योंकि वह अपने बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहते है। क्योंकि शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई हो न हो, स्कूल बच्चे पर जरूर कार्रवाई कर देगा। ऐसे में सवाल यह है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों का खुलेआम हो रहा शोषण अधिकारियों को सुनाई व दिखाई नहीं दे रहा। कई अभिभावकों का आरोप है कि एक ही कक्षा का दो बार फीस वसूलने के चक्कर में प्रोन्नत हुए बच्चों को पुनः उसी कक्षा में रखने का बेजा दबाव प्रधानाचार्य बना रहे हैं। विद्यालय की इस नीति का बच्चों पर मानसिक दुष्प्रभाव पड़ेगा और वह हीन भावना का शिकार हो जाएगा। बता दें कि विद्यालय का यह रवैया पहली बार नहीं है। फीस व अन्य शुल्क के नाम पर धन उगाही के चक्कर में सरकारी आदेशों को ताक पर रख अपने नियम कानून अभिभावकों पर थोप रहा है। पिछले शैक्षिक सत्र में भी कक्षा 1 से 8 तक के दर्जनों बच्चों को अनुत्तीर्ण कर दिया था। मामला शिक्षा विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर रातो रात में सभी अनुत्तीर्ण बच्चों को उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में प्रवेश दिया गया था। क्यू