श्री राम कथा में सती चरित्र का वर्णन

इटियाथोक,गोंडा। संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा व्यास डॉ संत शरण त्रिपाठी ने शिव चरित्र का सुन्दर वर्णन किया।कस्बा स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के निकट महिमा लॉन के प्रांगण में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का वाचन किया जा रहा है। कथा का प्रवचन करते हुए महाराज ने कहा,कि राजा दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर का अपमान करने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया था।जिसमें उसने भगवान शिव को छोड़कर समस्त देवताओं को आमंत्रण भेजा था।भगवान शंकर के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के यहां जाने की इच्छा जताई तो भगवान शंकर ने बिना बुलाए जाने पर कष्ट का भागी बनने की बात कही।इसके बाद भी सती नहीं मानी और पिता के घर चली गईं। जिसके बाद सती को अपने सगे संबंधियों से अपमान सहन करना पड़ा।

ये लोग रहे शामिल

मुख्य श्रोता केशव राम शुक्ल (दही बड़ा), राजेश दूबे, सुरेश नारायण पांडे (गुरुजी) महेंद्र जैन, अश्वनी मिश्र, काशी ओझा,भाजपा से मंडल अध्यक्ष सत्यव्रत ओझा, हरीश तिवारी, जन्मेजय पांडे, ज्ञानेश्वर मिश्र, कृपाशंकर शुक्ल, मनसिज तिवारी आदि मौजूद रहे।

श्रद्धा व विश्वास के साथ कथा सुनना चाहिए

डॉ. संत शरण त्रिपाठी ने बताया कि जब कभी भी भगवान की कथा सुनने का सौभाग्य मिले तो पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ कथा श्रवण करना चाहिए।कभी भी कथा में संदेह नहीं करना चाहिए,क्योंकि संशय पूर्वक कथा सुनने से लाभ नही मिलता है,इसलिए पूरे मन से श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान की कथा सुनना चाहिए।कथा के बीच में अरविंद मिश्र के मधुर भजन से पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया।