राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, 05 मार्च तक जारी रहेगा टीबी रोगी खोज अभियान

गोंडा।टीबी बीमारी की शीघ्र पहचान कर उसका इलाज शुरु करने से जहां एक ओर रोगी को जल्द इससे छुटकारा मिल जाता है,वहीं बीमारी के प्रसार पर भी रोक लगती है। इसके लिए जिले में 20 फरवरी से 05 मार्च तक दो चरणों में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है।इसमें लगी तीन सौ टीमों ने 26 फरवरी तक 59 क्षय रोगियों की खोज की है। विभाग ने इन सभी नए क्षय रोगियों का इलाज भी शुरु कर दिया है।

उक्त जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ जय गोविन्द ने दी। उन्होंने बताया,कि प्रधानमंत्री ने देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाए जाने का संकल्प लिया है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न अभियानों के माध्यम से संभावित टीबी मरीजों की जांच कर टीबी की पुष्टि होने पर मरीजों को तत्काल औषधि उपलब्ध कराई जा रही है।प्रयासों के इसी कड़ी में जनपद के समस्त 16 ब्लॉकों तथा 03 अन्य स्वास्थ्य इकाईयों क्रमशः खरगूपुर, मसकनवां एवं जिले पर दो चरणों में एसीएफ चलाया जा रहा है।

इसके पहले चरण में 20 से अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा व नवोदय विद्यालय आदि में अभियान चलाया गया। प्रथम दो दिवसों में जिला जेल में निरूद्ध कैदियों में से 915 कैदियों की एचआईवी जॉच तथा 33 टीबी के संभावित लक्षणों वाले कैदियों के बलगम की जांच कराई गई, जिसमें अभी तक कोई भी धनात्मक मरीज नही मिला है। इसके बाद अन्य चिन्हित जगहों पर अभियान चलाने के साथ कुल 42 मदरसों में 366 व्यक्तियों की टीबी की स्क्रीनिंग कराई गई।

वहीं दूसरे चरण में जनपद की कुल आबादी 38 लाख 899 की 20 % जनसंख्या यानि 07 लाख 60 हजार 180 की आबादी में अभियान आगामी 05 मार्च तक जारी रहेगा। इसमें 900 स्वास्थ्य कर्मियों की कुल 300 टीमें कार्य कर रही हैं। 60 पर्यवेक्षक के साथ-साथ अपर मुख्य चिकित्साधिकारी तथा एनटीईपी के अधिकारी अलग से सहयोगात्मक पर्यवेक्षण कर रहे हैं। कुल 29 जॉच केन्द्रों पर बलगम की जॉच हो रही है।धनात्मक क्षय रोगियों की ब्लड शुगर, यूडीएसटी तथा एचआईवी की जॉच भी की जा रही है।

जिले कार्यक्रम समन्वयक विवेक सरन ने बताया कि टीमों द्वारा 26 फरवरी तक 02 लाख 02 हजार 130 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है | इसमें टीबी के संभावित 869 लोगों के बलगम के नमूने जांच के लिए एकत्रित किए गए। जांच में कुल 59 क्षय रोगी पाए गए, जिनका उपचार शुरु कर दिया गया है | इन सभी मरीजों का ब्यौरा भारत सरकार के निःक्षय पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।इलाज के दौरान पौष्टिक आहार के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत शीघ्र ही उन्हें 500 रुपया प्रतिमाह बैंक खाते में भेजी जाएगी