एटा देहात कोतवाली पुलिस ने 24 घंटे के अंदर दंपति की हत्या का किया  खुलासा संपत्ति के लालच में सभी भाई अपने साथी के साथ मिलकर की हत्या एसएसपी ने 24 घंटे में खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20,000 के इना

एटा। कोतवाली देहात क्षेत्र में हुई दंपत्ति की हत्या की घटना का 24 घंटे के अंदर सफल अनावरण, संपत्ति के लालच में साथी के साथ मिलकर भाई ने ही की सगे भाई तथा भाभी की हत्या, दो अभियुक्त गिरफ्तार तथा घटना के समय पहने हुए कपड़े तथा आलाकत्ल चाकू बरामद।

सोमवार की सुबह थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम श्रीकरा में गांव से बाहर जिस्समी पुल के पास रह रहे। जितेंद्र उर्फ टीटू पुत्र स्व0 मोहर सिंह उम्र करीब 25 वर्ष व उसकी पत्नी प्रीति उम्र करीब 24 वर्ष की हत्या तथा उनके 03 वर्षीय बालक को घायल कर देने के संबंध में मृतक के भाई पंकज पुत्र मोहर सिंह निवासी ग्राम श्रीकरा थाना कोतवाली देहात एटा द्वारा थाना कोतवाली देहात पर लिखित तहरीर दी थी ।कोतवाली देहात पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया । मुकदमा दर्ज अपराध संख्या 37/23 धारा 302, 307, 506 बनाम ग्रीशचंद पुत्र सुनहरी लाल निवासी ग्राम नगला जट्टा थाना कोतवाली देहात एटा आदि 03 नफर पंजीकृत कराया गया।मंगलवार को थाना कोतवाली देहात पुलिस को मुखबिर की सूचना पर हत्या के मामले में प्रकाश में आए अभियुक्त प्रवेन्द्र तथा पंकज को अलीगंज रोड से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थानास्तर से आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।मृतक जितेंद्र के भाई पंकज ने पुलिस को बताया उसके पिता चार भाई थे। जितेंद्र के पिता के हिस्से में पांच बीघा जमीन थी तथा उसकी मां के नाम 7 बीघा जमीन अलग से मायके से मिली थी।जीतेन्द्र की मां दोनों भाइयों से अलग रहती है. परंतु उसका झुकाव जितेन्द्र की तरफ अधिक था। पंकज को लगता था कि माँ अपने हिस्से की जमीन जितेन्द्र को दे देगी और उसके पास लगभग 9 बीघा जमीन हो जाएगी। जिसकी कीमत 20 लाख रुपये प्रति बीघा है।टोटल पूरी जगह की कीमत करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये है।जी जितेन्द्र को मिल जाएगी। पूर्व में ही बँटवारे के लिए पंचायत हुई जिसमें पंकज के हिस्से में करीब ढाई बीघा जमीन, दुकान का आधा हिस्सा तथा सबमर्सिबल मिले थे परंतु वास्तविक रूप से पूरी दुकान पर जितेन्द्र ने कब्जा कर रखा था। वही दो मंजिला मकान में ऊपर के कमरे में तथा नीचे कमरे में जितेंद्र लेटता था।आरोपी प्रवेन्द्र जितेन्द्र की दुकान के सामने चिकन बेचने का काम करता है, जिस पर आरोपी पंकज का भी काफी उठना बैठना था ।पंकज के मन में संपत्ति के विवाद के चलते जितेंन्द्र को रास्ते से हटाने का ख्याल आया और योजना के मुताबिक घटना के दिन प्रातः 05:30 बजे दोनों आरोपी चालीसा बाग में मिले और हत्या की योजना को मूर्तरूप देने के लिए इकट्ठा हुए, तदोपरांत इनके द्वारा घटनास्थल की चुपके से रैंकी की गयी।योजना के अनुसार हत्या करने के लिए पंकज ने प्रविन्द्र को 5,00,000 रुपये देने का वादा किया था। तीन-चार दिन पूर्व से दोनों अभियुक्तों द्वारा जितेन्द्र के क्रियाकलापों की रैकी की गई। इसी योजना के अनुसार दोनों अभियुक्त प्रातः करीब 06.30 बजे जितेन्द्र के घर पहुंचे। उस समय मृतक शौच किया के लिए गया था। घर पर उसकी पत्नी थी। पंकज सीढ़ी से ऊपर गया जहां प्रीति जितेन्द्र की पत्नी सीढ़ी के गेट पर मिली। वहां से पंकज ने प्रीति को खींचकर नीचे ले आया, जहाँ ड्रम से छुरा निकालकर प्रीति पर चाकू से प्रहार कर उसे लहूलुहान कर दिया। जिसके बाद पंकज ने प्रीति के हथोड़े से प्रहार किया। उसी समय पंकज ने मृतक के तीन वर्षीय बेटे के सिर पर भी हथौड़े से प्रहार किया। पंकज के हाथ में छोटी छूरी तथा प्रविन्द्र के हाथ में बड़ी छूरी थी। जितेंद्र जैसे ही शौच करने के बाद घर वापस आए प्रविन्द्र ने जितेन्द्र के ऊपर छुरे से कई वार किये तथा उसका गला काट दिया था। घटना को अंजाम देने बाद शटर गिराकर दोनों वहाँ से चले गए पंकज ने बाग में अपनी शर्ट चप्पल छुपा दी और घर चला गया तथा प्रविन्द्र ने तालाब के किनारे अपनी जैकेट छोड़ दी तथा टोपा तालाब में फेंक दिया। घटना करने के बाद दोनों अभियुक्तगण ने जिरसमी नहर पर सरकारी शराब के ठेके पर शराब पी उसके बाद वह नहर पर आकर ऑटो में बैठ कर अमापुर कासगंज चला गया था।वहां से प्रविन्द्र ने पुनः करीब 09.30 बजे पंकज से वार्ता की फिर 12:00 बजे के आसपास अभियुक्तगण घटना के समय पहने हुए कपड़े बदलने के बाद वापस घटनास्थल पर आए तथा जितेन्द्र व प्रीति के शव को लोगों को भ्रमित करने के लिए घर से बाहर निकालने में मदद की जिससे इन पर किसी को शक न हो।जितेंद्र व प्रीति का विवाह कोर्ट मैरिज के माध्यम से करीब चार वर्ष पूर्व हुआ था तथा प्रारम्भिक समय में प्रीति के माता पिता व भाई शादी के विरोध में रहते थे। किंतु बेटा पैदा होने के बाद जो वर्तमान में करीब 3 वर्ष का है।जितेंद्र के ससुरालीयो ने विरोध बन्द कर दिया गया। चूंकि प्रारम्भिक चरण में मृतक के ससुरालीजन विरोध में थे. इस तथ्य का फायदा उठाकर आरोपी बड़े भाई पंकज उर्फ धर्मेन्द्र ने स्वयं मुकदमा पंजीकृत कराकर तथा अपने भाई के ससुरालीजन को नामजद करा दिया।आरोपियों की निशानदेही पर उनके द्वारा घटना के समय पहने हुए जैकेट, टोपा, शर्ट और चप्पल बरामद किए गये हैं।एटा एसएसपी उदय शंकर सिंह ने 24 घंटे में घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 20,000 के इनाम का पुरस्कार दिया गया।