अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीब की उजाड़ी गई दुकान, अगल बगल के अतिक्रमणकारियों पर तहसील प्रशासन क्यों है मेहरबान?

सीतापुर /प्रदेश शासन द्वारा मार्गो के किनारे गंभीर समस्या बने अवैध अतिक्रमण को शीघ्र हटाकर सड़कों को साफ सुथरा करने का दिया गया निर्देश यहां मिश्रित तहसील मुख्यालय पर एसडीएम की लालफीताशाही का शिकार होकर रह गया है। एक गरीब हवा भरने वाले की दुकान लेखपाल और एक अन्य कर्मचारी द्वारा रखने के बदले मांगी गई रकम अदा न करने पर उसके लोहे के खोखे को उपजिलाधिकारी का आदेश बताकर जेसीबी से तोड़वाकर गायब करा दिया गया जबकि इस खोखे के अगल बगल उपजिलाधिकारी आवास की बाउंड्री और सीतापुर हरदोई मार्ग के मध्य अन्य कई दुकाने आज भी अंगद पांव की तरह जमी हुई हैं जिनकी तरफ तहसील प्रशासन की मेहरबानी लोगों में एक अनुत्तरित प्रश्न को जन्म दे रही है कि एक पर सितम और दूसरों पर रहम आखिर क्यों अगर हवा भरने वाले गरीब का खोखा अतिक्रमण की जद में था तो उसी के पड़ोस में अन्य अतिक्रमणकारियों की तरफ उप जिला अधिकारी की नजर क्यों नहीं पहुंच पा रही है आखिरकार इसके पीछे कौन सा है राज ? जिसकी तरफ प्रदेश शासन और जिला प्रशासन को गंभीरता से पहल करने की आवश्यकता है ताकि उपजिलाधिकारी द्वारा एक की दुकान हटाकर और दूसरों को वरदान देकर अपनाया जाने वाला दोहरा मापदंड समाप्त हो सके। उक्त मामले में तहसील के उपजिलाधिकारी से पूछने पर उन्होंने बताया कि बिना अनुमति के दुकान रख ली थी इसीलिए हटाई गई है उनसे जब यह पूछा गया कि उसी जगह अगल-बगल अन्य कई दुकानें भी अतिक्रमण की जद में पहले से लगी हुई हैं उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई तो उन्होंने कहा हम फोन पर बात नहीं कर पाएंगे ऑफिस आकर बात करिए।