सीएचसी में बाहर की दवा लिख रहे चिकित्सक, रोगी परेशान

गोंडा। जिले के इटियाथोक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक धड़ल्ले से बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। इसके पीछे डाक्टर अस्पताल में दवाएं न होने का तर्क दे रहे हैं।वहीं स्थानीय लोगों का कहना है,कि कमीशन खोरी के चलते बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं। मामले को लेकर सरकार का दावा है,कि सभी सरकारी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाएं निःशुल्क यानी कि मुफ्त हैं।ऐसे में तर्कों के लिहाज से कौन सच है और कौन झूठ,अपने आप में बड़ा सवाल है?

जमीन की सच्चाई की बात करें,तो सीएचसी में इलाज कराने जा रहे गरीबों को बाहर की दवाएं प्राईवेट अस्पतालों से भी महंगी पड़ रही हैं।इससे सरकार की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे हवा-हवाई बन गए हैं। सीएचसी में तैनात डॉक्टर पर्चे पर चार से पांच दवाएं बाहर की लिखी हैं।इसे मरीजों को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है।सोमवार को एक के बाद एक मरीजों और तीमारदारों को हाथों में पर्चा लटकाए अस्पताल से निकलकर मेडिकल स्टोरों पर जाते देखा गया।

ऐसे मरीजों से जब बात की गई, तो उन्होंने नाम ना छापने की शर्त पर बताया,कि डॉक्टर ने अस्पताल में दवाएं न होने की बात कहकर बाहर की दवाएं लिखी हैं।इस पर्चे पर कुल चार दवाएं लिखी हुई थीं और सभी दवाएं बाहर की थीं।इस पर्चे से दो ही बात स्पष्ट होती है,कि या तो अस्पताल में कोई दवा है ही नहीं। तभी तो डॉक्टर दवाएं बाहर की लिख रहे हैं या फिर अस्पताल में दवाओं के उपलब्ध होने के बावजूद अपने निजी स्वार्थ के लिए बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं।जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा से फोन पर बात की गई,तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में दवाओं का टोटा नहीं है। लेकिन कुछ दवाएं बाहर से मंगानी पड़ सकती हैं।