डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर ने सरकारी चिकित्सकों के आवासों का किया निरीक्षण,प्राईवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई

बहराइच। सरकारी चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सकों के प्राईवेट प्रैक्टिस पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र के निर्देश पर उप जिलाधिकारी सदर सुभाष सिंह धामी द्वारा तहसीलदार सदर राज कुमार बैठा के साथ मंगलवार को देर रात डॉ. प्रभाकर मिश्रा, डॉ. रिज़वान खान, डॉ. राहुल अग्रवाल, डॉ. एस.के. त्रिपाठी व डॉ दयाल के आवासों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
चिकित्सक प्रभाकर मिश्रा के आवास के निरीक्षण में आवास पर प्राईवेट प्रैक्टिस करने के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध पाए गए। मौके पर मौजूद श्रीमती पार्वती, ननकुन्ना, आकांक्षा व पारस द्वारा बताया गया कि वह डाक्टर साहब को दिखाने आये हैं। श्रीमती पार्वती ने यह भी बताया कि वह डाक्टर साहब को अगस्त से दिखा रही है और उनके द्वारा घर पर देखने हेतु रू. 300=00 फीस के रूप में दिया गया है। निरीक्षण के दौरान मौजूद महेश शुक्ला ने बताया कि वह डाक्टर साहब के पास दवाई करना सीख रहे हैं। निरीक्षण के समय ??फिज़िशियन सैम्पल नॉट फॉर सेल?? अंकित, भारी मात्रा में दवाईयाँ भी मिलीं। जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि डॉ. प्रभाकर मिश्रा अपने आवास पर प्राईवेट पै्रक्टिस करते हैं।
इसी प्रकार चिकित्सक रिजवान खान के आवास के निरीक्षण के दौरान श्री खान मौके पर नहीं मिले और न ही कोई मरीज ही पाया गया। मगर निरीक्षण में आवास पर ऐसे पूरे साक्ष्य पाए गए जिससे यह प्रतीत हो रहा है डॉ रिज़वान द्वारा अपने आवास पर प्राईवेट पै्रक्टिस की जाती है। चिकित्सक राहुल अग्रवाल भी मौके पर मौजूद नहीं मिले और न ही कोई मरीज़ पाया गया। मौके पर मौजूद भूपेन्द्र मिश्रा द्वारा बताया गया कि वह फारमेसी में डिप्लोमा कर रहे हैं एवं यहां पर सीख रहे हैं। भूपेन्द्र द्वारा यह भी बताया गया कि डॉक्टर साहब पहले आवास पर मरीज देखते थे मगर अब नहीं देखते है। आवास के निरीक्षण मे भी कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जिससे यह स्पष्ट हो सके कि डॉ. राहुल अग्रवाल द्वारा अपने आवास पर प्राईवेट पै्रक्टिस की जाती है।
इसके अलावा चिकित्सक डॉ. एस.के. त्रिपाठी के आवास के निरीक्षण में इनके द्वारा दरवाजा नहीं खोला गया। वहाँ पर एक तीमारदार रहमान पुत्र इकबाल, नि. नकाही, थाना रामगांव उपस्थित मिले उनके द्वारा बताया गया कि वह अपने आठ माह के बच्चे को दिखाने आए हैं व उनके द्वारा रू. 250=00 फीस भी जमा की गई है। जिससे प्रतीत होता है कि डॉ. एस.के. त्रिपाठी द्वारा अपने आवास पर प्राईवेट पै्रक्टिस की जाती है। एसडीएम श्री धामी द्वारा डॉ. दयाल के आवास के निरीक्षण के दौरान चिकित्सक मरीज़ देखते हुए नहीं पाए गए। डॉ. दयाल ने बताया कि उनके द्वारा घर पर कोई मरीज़ नहीं देखा जाता है। आवास के निरीक्षण में भी कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जिससे यह स्पष्ट हो सके कि डॉ. दयाल द्वारा अपने आवास पर प्राईवेट पै्रक्टिस की जाती है।
जिलाधिकारी डॉ. दिनश चन्द्र ने इस स्थिति का कड़ा संज्ञान लेते हुए प्राचार्य मेडिकल कालेज डॉ. संजय खत्री को निर्देश दिया कि दोषी चिकित्सकों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाएं। डीएम डॉ. चन्द्र ने चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सकों को निर्देषित किया है कि चिकित्सालयों में आने वाले मरीज़ों को शासन की मंशानुरूप चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान करें।