रैन बसेरों में ताला कड़ाके की ठंड में रात बिताने को मज़बूर निराश्रित।


सर्दी के बदलते तेवर को देखते हुए फुटपाथ पर रात बिताने वालों के लिए आफत बनते जा रहे हैं।क्षेत्र में संचालित रैन बसेरे इन गरीब और बेसहारा लोगों के दर्द को कम करने में उपयोगी साबित नहीं हो पा रहे है। कहीं पर इन रैन बसेरों पर ताला लटक रहा है तो कहीं पर इनमें अवस्थाओं का अम्बार है।इन कमियों के बीच यह गरीब तेज हवाओं के बीच खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। शासन भले इन गरीबों के लिए रैन बसेरों की जरूरतों को पूरा कराने का दम भरता है लेकिन प्रशासनिक अफसर इसको लेकर बिल्कुल संजीदा नहीं है। नगर पंचायत मोहान के कस्बे में रैन बसेरों की हालत देखी जाएं तो बेहद खराब हैं यहां जो रैन बसेरा बना हैं उनमें सुविधा के नाम पर सिर्फ सर्द हवा ओढ़ने,बिछाने के लिए बिस्तर नही है ना तो रजाई और कंबल भी नही है।इसके अलावा कुछ ऐसे भी रैन बसेरा है जिनमें ताला लटक रहा है। ऐसे में गरीब बेसहारा लोगों की सुविधाएं देने के दावे कितने पूरे हो रहे हैं प्रशासन की उदासीनता गरीबों के लिए मर मिटने वाली बात बनती दिख रही है।
इस संबंध में उपजिलाधिकारी अंकित शुक्ला ने बताया कि यदि रैन बसेरा में ताले बंद है।तो ईओ से बात कर खुलवाया जाएगा।