कानपुर-(डा बालाजी अवस्थी)-अब नहीं देगा शुनाई-ये आकाश-वाणी का कानपुर केंद्र है......

कानपुर-(डा बालाजी अवस्थी)-अब नहीं देगा शुनाई-ये आकाश-वाणी का कानपुर केंद्र है......


बेनाझाबर स्थित आकाशवाणी केंद्र के बाहर कर्मियों ने दिया धरना-प्रदर्शन.....

बीते 59 साल से रेडियो पर गूंज रहा 'ये आकाशवाणी का कानपुर केंद्र है' अब थम गई है। अब आपको यह आवाज 103.7 मेगाहर्ट्ज पर सुनाई नहीं देगी। नवंबर 2022 में इस रिले केंद्र के लिए जो कैजुअल एनाउंसर का पैनल बनाया जाता था, उसे बंद कर दिया गया है।

अब केवल दो स्थायी एनाउंसर ही बचे हैं, जिसमें से एक का रिटायरमेंट दो महीने के अंदर है। वहीं मंगलवार को स्टाफ ने बंदी को लेकर बेनाझाबर स्थित आकाशवाणी केंद्र के बाहर धरना-प्रदर्शन किया।

शुरू हुई थी विविध भारती सेवा
एक वक्त था कि रेडियो पर आकाशवाणी की बादशाहत थी। इस पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम संगीत सरिता का लोग बेसब्री से इंतजार करते थे। कानपुर आकाशवाणी का इतिहास 59 साल पुराना है। तब यहां विविध भारती सेवा की शुरुआत हुई थी। कानपुर हमेशा रिले केंद्र रहा। यह सेंटर इस बात के लिए भी जाना जाता है कि यहां से पूरे उप्र और उत्तराखंड के विज्ञापन प्रसारित किए जाते रहे हैं। प्रदेश में विविध भारती के पांच सेंटर रहे हैं, जिनमें से गोरखपुर पहले ही बंद हो चुका है।

स्टाफ कर्मियों ने गुड बाय कानपुर लिखी तख्तियां लेकर किया प्रदर्शन.....
आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी आरपी जाटव ने बताया कि केंद्र पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। यहां से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम पूरी तरह बंद हो गए हैं। वही कार्यक्रम इसकी पहचान थे, अब वह खो गई है। महोबा, उरई, इटावा और फतेहपुर सेंटर भी बंद होने के बाद वहां का स्टाफ कानपुर में एडजस्ट कर दिया गया है।

अब यहां कुल 50 में 35 कर्मचारी तकनीकी सेवा से जुड़े हैं। निदेशक का भी पद कई वर्षों से खाली पड़ा है। गीता डे ने वीआरएस ले लिया है और डॉ. गरिमा शैलेंद्र एक मात्र यहां एनाउंसर बची हैं।

बस अब विज्ञापन प्रसारण का काम रह गया.....
कानपुर चूंकि विज्ञापन प्रसारण सेवा का केंद्र रहा है। इसलिए कुछ विज्ञापन अभी भी यहां तैयार हो रहे हैं। पर जो पैनल रेडियो को दिलचस्प बनाने के लिए गठित किया जाता था वह काम पूरी तरह बंद कर दिया गया है। ऐसी शर्तें लगाई गई हैं, जिसमें यह संभव नहीं है कि पैनल की नियुक्ति की जा सके। पैनल इसलिए बनाया जाता था ताकि कार्यक्रम मोनोटोनस न हो। विविधता बनी रहे।

पहले दो घंटे कर पाते थे अपना प्रसारण.....
नवंबर 2021 से पहले सुबह 10 से 11 और शाम को छह से सात बजे तक कानपुर के तैयार प्रोग्राम प्रसारित किए जाते थे पर अब ऐसा नहीं है। अब केवल एफएम रेनबो का प्रसारण होता है। वह भी लाइव नहीं किया जाता है।