स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल,ग्रामीणों को नहीं मिल रहा इलाज

गोंडा। सूबे की सरकार ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, वहीं विभागीय जिम्मेदार इसको लेकर बेपरवाह हैं। इनकी लापरवाही के चलते लाखों की लागत से बने स्वास्थ्य उपकेंद्र आज जर्जर हो चुके हैं।अधिकतर केंद्र तो ऐसे हैं जो निर्माण पूरा होने के बाद आज तक खोले ही नहीं गए।इन केंद्रों में झाड़ियां तक उग चुकी हैं।वहीं गांव के अराजकतत्व उनके खिड़की,दरवाजों सहित मुख्य गेट चुरा ले गए हैं।कुछ केंद्र तो जुआ खेलने का अड्ड़ा बन चुके हैं।जिस कारण एएनएम टीकाकरण के लिए गांव में किसी न किसी के दरवाजे पर या फिर स्कूल व पंचायत भवन में बैठने को मजबूर हैं।इससे जच्चा-बच्चा और अन्य मरीजों को इलाज के लिए दूरदराज की सीएचसी में जाना पड़ता है।बानगी के तौर पर कुछ उप-स्वास्थ्य केन्द्रों की रिपोर्ट।

दो वर्ष से बंद है एएनएम सेंटर

इटियाथोक ब्लॉक क्षेत्र के बेंदुली गांव में प्रसूता महिलाओं, बच्चों के टीकाकरण की सुविधा के लिए बना एएनएम सेंटर विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते बंद पड़ा है।इमारत के भीतर खड़ी झाड़-झक्कड़ इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इसका कोई पुरसाहाल नहीं है।गांव के नेकी राम तिवारी, धर्मेंद्र तिवारी, पुरुषोत्तम, डॉ रामानंद तिवारी, सुरेश, भवानी, राम आशीष तिवारी आदि लोगों का कहना है कि यहां एएनएम की तैनाती भी है उसके बावजूद एनम सेंटर उपेक्षित व बंद पड़ा है।

जानकीनगर में खिड़कियां दरवाजे टूटे, दीवारों पर उग आई घास

ग्राम पंचायत जानकी नगर में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का आलम यह है कि अब यह भवन पूरी तहर जर्जर हो चुका है।दीवारों में दरार पड़ चुकी हैं, घास उग आई है और खिड़कियां, दरवाजे व फर्श भी टूट चुका है। एएनएम भवन के बजाए आसपास के घरों में बैठकर अपना काम निपटाती हैं।वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मौके पर जाकर भवन को दिखाकर मरम्मत की मांग की जा चुकी है, लेकिन कभी किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

जिम्मेदार के बोल

सीएचसी अधीक्षक सुनील कुमार पासवान का कहना है, कि मामले को दिखवाकर कार्रवाई की जाएगी।