गांव से लेकर कस्बा व हाईवे पर घूमते रहते हैं आवारा पशु,डीएम के आदेश के बाद भी समाधान नहीं

गोंडा। ब्लॉक क्षेत्र में गोंडा-बलरामपुर हाईवे समेत कस्बे में आवारा पशुओं का दिखना आम बात है। झुंड के झुंड जानवर सड़क के बीच बैठे मिल जाएंगे।इनकी चपेट में आकर कई वाहन चालक घायल हो चुके हैं और कई परलोक सिधार गए।वहीं ग्रामीण अंचल में किसानों का बुरा हाल है।शिकायत के बाद भी जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं है।बता दें, प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तभी से इटियाथोक ब्लॉक के ग्राम पंचायत कंचनपुर और रानीपुर गांव में लाखों की लागत से गोशाला बनवाई गई थी।वर्तमान में दो गौशालाएं नरौरा-भर्रापुर व ग्राम पंचायत अर्जुनपुर में बनाई जा रही है।सरकार ने बेसहारा जानवरों का बंदोबस्त गोशाला में करने का आदेश दिया था।लेकिन अभी फिलहाल उन आदेशों का पालन ब्लॉक क्षेत्र में तो होता दिखाई नहीं दे रहा है।यहां जानवर गोशाला में कम और सड़कों पर छुट्टा घूम रहे हैं।

अचानक वाहन के सामने आ जाते हैं आवारा पशु

आवारा पशुओं ने सड़कों को अपना अड्डा बना लिया है।इटियाथोक कस्बा से होते हुए संझवल, जानकीनगर,जयप्रभा ग्राम,भवनियापुर व बाबागंज रोड समेत अयाह,चुरिहार पुर,रमवापुर चौराहे तक आवारा पशु सड़क पर बैठे रहते हैं।इससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो वाहन चालक अचानक आवारा पशु सामने आने से हादसे के शिकार हो जाते हैं।जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने बीते दिनों ही आदेश जारी किया था कि गोवंशों को गोशाला में बंद किया जाए।लेकिन उसका असर अभी फिलहाल देखने को नहीं मिला है।

बोले किसान

संझवलगांव निवासी आदेश तिवारी,पाटेश्वरी प्रसाद तिवारी, गणेश तिवारी, राजकुमार, नब्बन मिस्त्री, अशोक कोरी, गोमती, कमला आदिका कहना है, कि किसान पहले से ही बेहाल थे और अब आवारा पशुओं के चलते इनकी बदहाली कोढ़ में खाज सरीखी हो गई है। गोवंश संरक्षण के दिखावे के चलते किसानों को ऐसी अंधेरी खाईं में ढकेल दिया गया है, जहां से निकलने का कोई रास्ता है ही नहीं है।

जिम्मेदार के बोल

इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी रूप नारायण भारती का कहना है, जानवरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया है, सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं से धीरे-धीरे निजात मिलेगी।