आम के हरे पेड़ों पर बेखौफ चल रहा ठेकेदारों का कुल्हाड़ा

गोंडा। थाना क्षेत्र में आम के बागों पर ठेकेदारों का कुल्हाड़ा धड़ल्ले से चल रहा है।यही नहीं आरा मशीनों पर भी आम के हरे पेड़ों की यह लकड़ी बेरोकटोक बेची जा रही है।इस धंधे में वन विभाग की मिलीभगत हर किसी की जुबान पर है। जन चर्चा के मुताबिक, वन एवं पुलिस विभाग उन प्रतिबंधित प्रजातियों, जिनमें आम भी शामिल है,तब पकड़ता है जब बिना उनकी जानकारी के कटान हुआ हो या बाहर से लकड़ी लाई जा रही हो।गौरतलब है कि इटियाथोक थाना क्षेत्र में लकड़ी के ठेकेदारों का एक बड़ा रैकेट क्षेत्र की हरियाली को पलीता लगाने में लगा हुआ है। इस धंधे में पुलिस एवं वन विभाग की मिली भगत जगजाहिर है।वरना आम के हरे भरे पेड़ो पर आरा चल ही नहीं सकता है।इन प्रतिबंधित प्रजातियों के उन्हीं पेड़ों को अनुमति लेकर काटा जा सकता है,जो सूख चुके हो और फल न लगते हो लेकिन इसी की आड़ में हरे पेड़ों पर ठेकेदारों का आरा चलता है।यही नहीं पांच पेड़ों की अनुमति लेकर 50 पेड़ काटने का धंधा भी यही रैकेट करता है।इस धंधे में क्षेत्र की आरा मशीनों का भी बड़ा रोल है, क्योंकि आम के यह हरे पेड़ कटकर सीधे आरा मशीनों पर आते हैं और कुछ ही घंटों में इस लकड़ी की शक्ल बदल दी जाती है। गुरुवार दोपहर में इटियाथोक कोतवाली क्षेत्र के गांव पंचायत परसिया गूदर के मजरा चितइया जोत में आम के हरे पेड़ पर कुल्हाड़ा चल रहा था जबकि विभाग मौन है। मामले में वन क्षेत्राधिकारी वका उल्ला खान का कहना है, पेड़ काटने की जानकारी मिली है मौके पर टीम भेजी गई है।