लोहिया विधि विश्वविद्यालय में फिल्म स्टडीज पर विशेष व्याख्यान

डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में में प्रोफेसर पंकज जैन का फिल्म स्टडीज पर विशेष व्याख्यान हुआ। इस कार्यक्रम के अवसर पर प्रोफेसर आरपी सिंह एवं विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ अलका सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तक "लिटरेचर एंड कल्चर: सेंस एंड सींस फ्रॉम पांडेमिक" का पुस्तक विमोचन डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुबीर भटनागर, मुख्य वक्ता प्रोफेसर पंकज जैन एवं विभागाध्यक्ष डॉ ए पी सिंह द्वारा किया गया।

पुस्तक विमोचन के उपरांत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भटनागर ने छात्रों और शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए कहा कि फिल्म स्टडीज इंटरटेनमेंट के अलावा और भी अन्य शोध आयामों के अवसर पर एक रोचक विचार है। जहां एक ओर विभागाध्यक्ष डॉ ए पी सिंह ने विश्वविद्यालय में हाल ही में हुए फिल्म शूटिंग की चर्चा करते हुए नए शोधों पर बात की वही बतौर मुख्य वक्ता प्रोफेसर पंकज जैन ने अपने विशेष व्याख्यान में कहा कि "विविधता में एकता लिए भारतीय व्यंजन ,परिधान यहां की कला, संस्कृति ,मानवीय गुणों के सुरताल प्रकृति में बसा संगीत, वेदों का ज्ञान, रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य, भारतीय भाषाओं में बनी फिल्म और यहां के सिनेमा को एक अलग ही अंदाज में प्रस्तुत करता है। हमारी भारतीय फिल्में हमारी गौरवशाली इतिहास और संस्कृति का भी बखूबी परिचय देते हैं। भरत मुनि द्वारा लिखी गई नाट्यशास्त्र पर आधारित हमारी फिल्में पूरी दुनिया में मशहूर हैं ।आज जब हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बात कर रहे हैं , तो फिल्म स्टडीज भी अंतर्विषय शोध और अध्ययन का मार्ग प्रशस्त करता है। कार्यक्रम का संचालन "भारतीय भाषा संस्कृति और कला प्रकोष्ठ" की अध्यक्षा डॉ अलका सिंह एवं इसके सदस्य डॉक्टर अमनदीप सिंह के निर्देशन में किया गया। डॉ अलका सिंह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 संदर्भित अंतर्विषयी शोध आयामों की विस्तृत चर्चा में फिल्म स्टडीज को एक विशेष श्रेणी के सृजनात्मक रंगों का सुनियोजित अनुसंधान और शोध का अवसर बताया। इस विशेष व्याख्यान में देश और विदेश से लखनऊ में रह रहे छात्रों और शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में विधि विश्वविद्यालय से अंशिका कनिष्का, दिशा, तनीषा, मितुल, अब्दुल एवं रोशन आदि छात्रों ने प्रश्नोत्तरी श्रृंखला में विशेष योगदान दिया।