कार्रवाई न होने से मेडिकल संचालक के हौसले बुलंद कार्रवाई करने में जिम्मेदार अधिकारी के कांप रहे हाथ

कार्रवाई न होने से मेडिकल संचालक के हौसले बुलंद

कार्रवाई करने में जिम्मेदार अधिकारी के कांप रहे हाथ

जैजैपुर:- कोरोना काल के बाद जिले भर में राशन दुकान की तरह मेडिकल लगभग हर गांव में खुला हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डाक्टर दूसरे की फार्मासिस्ट की मार्कशीट में दवाई दुकान का लाइसेंस लेकर धड़ल्ले से इस कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। तो वहीं जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन बने बैठे हैं। और तमाशबीन क्यों न बने क्योंकि उनके पास हर महीने चढ़ावा जो पहुंचता है।इसलिए कार्रवाई करने में अधिकारियों के हाथ भी कांप रहे हैं और किसी मरीज की जान जाने का इंतजार भी कर रहे हैं। क्षेत्र में बिना फार्मासिस्ट के दवा विक्रय का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते दवा दुकानों में अप्रशिक्षित लोग बैठे हुए हैं। पूरे जिले में सैकड़ों दवा दुकान ऐसे हैं जहाँ फार्मासिस्ट कभी नही रहते हैं।

गौरतलब हो कि मालखरौदा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत छपोरा में संचालित एक दवा दुकान की है जहाँ एक बंगाली द्वारा माँ जशोदा मेडिकल का संचालन किया जा रहा है और फार्मासिस्ट का नाम कांसीराम मनहर है जिसे प्रशासन ने दवा दुकान चलाने की अनुमति दी हुई है लेकिन कभी दवा दुकान में नही रहता है।जिन दवाओं को डॉक्टर की पर्ची के बिना विक्रय नही किया जा सकता है उसे भी बेखौफ होकर अप्रशिक्षित लोग बेच रहे हैं जबकि दवाओं की रखरखाव एवं बेचने का काम केवल फार्मासिस्ट ही कर सकता है।

डोज को लेकर भी सवाल

दवाओं के अनाधिकृत व्यक्तियों को एलोपैथी दवाओं के डोज की कोई जानकारी नही है लेकिन किसी मेडिकल प्रेक्टिशनर की भांति मनमर्जी डोज बताते हुए लोगों को दवा देते हैं।इससे लोगों को मनमाने डोज से तत्कालिक लाभ मिल जाता है पर इसके साइड इफेक्ट भी होते हैं जिससे किडनी लिवर की गम्भीर बीमारियां भी बढ़ रही है।

मेडिकल की आड़ में चलता है अवैध क्लीनिक

वहां के ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार बंगाली जो है मेडिकल के साथ ही अंदर में अवैध क्लीनिक का संचालन भी करता है और लोगों की जान से खिलवाड़ भी करता है।ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं तभी शायद उनकी कुंभकर्णी नींद खुलेगी।

मुझे ऑफिस में आकर लिखित शिकायत करो फिर मैं देखता हूं।

प्रीतम ओगरे जिला अधिकारी
खाद्य एवं औषधि प्रशासन जांजगीर चांपा