तेज हवा से गिरी धान,गन्ने और केले की फसलें, दो दिन की बारिश से सड़के हुई जलमग्न 

लखीमपुर खीरी। सीमावर्ती तराई क्षेत्र में गुरुवार से बारिश का सिलसिला शुरू होकर पूरे दो दिनों तक चलता रहा। इस दौरान रुक-रुक कर होने वाली बारिश के साथ तेज हवाओं के चलते फसलों को भी नुकसान हुआ है। सीमा के दोनों देशों में लगातार कई घंटों तक बारिश होने के चलते न्याय पंचायत गुलरिया पत्थर शाह की ग्राम पंचायतों के खेत_खलिहान, ताल_तलाइया और कई सड़कें पानी से सराबोर हो गई, जिससे लोगों को निकलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं बारिश के चलते बाजारों में भी पूरे दो दिन सन्नाटा छाया रहा।

बतातें चलें,भारत-नेपाल सीमा की तहसील निघासन की न्याय पंचायत गुलरिया पत्थर शाह की ग्राम पंचायत कड़िया,डांगा,गंगानगर बेलपरसुआ और भैडोरी सहित करीब एक दर्जन ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों और किसानों के लिए गुरुवार सुबह से लगातार रुक_रुक कर हो रही बारिश, किसी के लिए फ़ायदा तो किसी के लिए दोहरी मुसीबत का सब्बब बनी हुई है। हालांकि बरसात के आखिरी दिनों में हुई बारिश से लैट बुआई की गई फसलों को संजीवनी मिली है। बता दें, सूखे के हालात से प्रभावित हुई धान और गन्ने की फसल को होने वाले नुकसान में यह बारिश डैमेज कंट्रोल का काम करेगी। वहीं कई दिनों तक होने वाली इस बारिश से गर्मी का असर कम होगा और सुबह-शाम हल्की ठंडक असर दिखाएगी। वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है, कि वर्तमान में धान की फसल में बालियां निकल रहीं हैं या फिर कुछ स्थानों पर निकल चुकी हैं। इससे धान की सिंचाई करने की आवश्यकता भी थी। बारिश होने से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए श्रम व पैसे की बचत हुई।जानकारों के मुताबिक तेज हवा चलने पर गन्ने की फसल को नुकसान हो सकता है। हालांकि इस बीच बता दें, कि बारिश के पहले दिन गुरुवार को ज्यादा तेज हवा नहीं चली, जिससे किसान राहत महसूस कर रहे थे। वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को झमाझम बारिश के साथ तेज़ हवाओं की थपेड़ों से धान_गन्ना और केले की फसलें जमी दोष हो गई। जिससे प्रभावित किसानों के चहरे पर मसूसी के चिंता की सिकन उभरी है। साथ ही जिन किसानों ने फसलों की बोवाई जल्दी या शुरुवाती दौर में की है, उनके लिए यह बारिश नुकसानदेह साबित हुई है। इस दौरान मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के अधिकारीयों ने सीटी न्यूज अपडेट को बताया कि आगामी तीन-चार दिनों तक बादल छाए रह सकते हैं और शुक्रवार की तरह ही शनिवार को अच्छी बारिश होने की संभावना है। इससे तापमान में गिरावट आएगी। ज्ञात हो, फिरहाल क्षेत्र के अधिकांश किसानों की धान _गन्ना की फसलें जमी दोष हो गई हैं। इससे किसानों के समक्ष खेतों की रखवाली के साथ उनकी निकाई और चौपट हो चुकी फ़सल को सुधारने की चौनुती खड़ी हो गई है। वहीं शुक्रवार को समाचार लिखें जाने तक घंघोर घटा के साथ तेज़ बारिश का सिलसिला जारी रहा है। इससे उफनाई नदियों ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है,जिससे लोगों में दोनों तरफ भारत_नेपाल सीमावर्ती इलाके में बाढ़ की संभावनाएं और बाढ़ की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।