आखिर कांग्रेसी नेता ऐसा क्या किया की मासूम बच्चे को नहीं मिला रहा स्कूल मे दाखिला

बैकुण्ठपुर। जिला मुख्यालय से लगे शिवपुर चरचा का एक बहूचर्चित मामला सामनें आया है, जिसमे चरचा एसईसीएल मे कार्यरत कांग्रेसी नेता के उपर एक महिला नें आरोप लगाया है कि एक जाने-माने कांग्रेसी नेता के कारण एक मासुम बच्चे का भविष्य खतरे मे था किंतु मां की ममता ऐसी की तमाम अटकलों के बाद भी कांग्रेसी नेता के द्वारा समस्त कठिनाई की रास्तों को पार करते हुए पिता का नाम भूपेंद्र यादव दिला ही दिया। यहां तक कि कोर्ट ने बच्चे को भी भूपेंद्र यादव का तीसरा लड़का मान लिया है। अब देखने वाली बात यह है कि किस प्रकार से चर्चा में कांग्रेस नेता माने जाने वाले भूपेंद्र यादव कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले को कहां चुनौती देते हैं। ज्ञात हो कि यह मामला शिवपुर चरचाजुड़ा हुआ है जहां पर चरचा एसईसीएल में कार्यरत भूपेंद्र यादव के द्वारा एक महिला के साथ विवाह कर जीवन आप यापन कर रहे थे उसी दौरान श्री यादव का एक पुत्र हुआ उस वक्त भूपेंद्र यादव के द्वारा अपनी पत्नी को उसके नवजात बच्चे को लेकर 17 माह तक मां से दूर रखा और ब्लैकमेल करता रहा मां की ममता भी ऐसी रही कि अपने मासूम बच्चे को पाने की तड़प में अपना सब कुछ न्योछावर कर दी और भूपेंद्र यादव के बनाए हुए समस्त जाल को तोड़ते हुए अपने बच्चे को पाने में सफल हुई। इस बीच भूपेन्द्र यादव के ऊपर 376 जैसा मामला भी कायम हुआ। मामला कायम होते ही भूपेंद्र यादव यहां से भाग निकला भगोड़ा भूपेंद्र यादव को हाई कोट से जमानत मिल गई। इसके बाद भी लगातार भूपेंद्र यादव अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता रहा। अब जब एक मां ने अपने बच्चे को शिक्षा देनी चाहिए उत्तर शिक्षा के मंदिर में पहले पिता का नाम पूछा गया लेकिन भूपेंद्र यादव के द्वारा किए गए कृत्य के कारण उक्त बच्चे को पिता का नाम नहीं मिल पा रहा था। अंततः उसकी मां ने उस बच्चे को उसके पिता का नाम दिला ही दिया अब बच्चे को शिक्षा भी मिलने लगी है। यह बात भी पिता को ना गवारा लगने लगी जिसके बाद पिता के द्वारा लगातार अपनें पद पावर का दुरुपयोग करते हुए उक्त बच्चे से पिता का नाम लुटनें का भरपूर कोशिश किया गया लेकिन वह सफल अब तक नहीं हो पाया है।