नशीली गोलियों की गिरफ्त में युवा पीढ़ी।

कुरुद::-बोनफिक्स,शिलोशन,पर सरकार के नकेल कसने के बाद कुरुद में नशे का नया रूप देखने को मिल रहा है। आदतन नशेड़ी लोग अपनी जरुरतें पूरी करने के लिए नशीली गोलियों में विकल्प तलाश कर रहे हैं। इस कारण नशीली गोलियों का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है।

शराब से ज्यादा नशा गोलियों में

बताया जाता है कि शराब से भी ज्यादा नशा गोलियों में होती है। युवा पीढ़ी जिस सस्ते और सुलभ गोलियों का सेवन बतौर नशा कर रहे हैं वह न सिर्फ स्वास्थ्य के खतरनाक है बल्कि सभ्य समाज के लिए भी कंलक है। युवा पीढ़ी इसके आदी हो चुके हैं जिसे काउंसिलिंग के माध्यम से ही छुड़ाया जा सकता है।

गांव-गांव फैला नशे का कारोबार

कुरुद में पहले भी इस तरह की नशीली दवाओं को बड़ी संख्या में बरामद किया जा चुका है, लेकिन इसके कारोबार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सरकार की ओर से बोनफिक्स, शिलोशन पर लगाई पाबन्दी के बाद अब नशीली टेबलेट्स का कारोबार तेजी से पनपने लगा है।

बोनफिक्स व शिलोशन का नशा करने वाले लोग इनके विकल्प के रूप में इन टेबलेट्स का सेवन करते हैं। इन सभी दवाओं को डॉक्टर की पर्ची के बगैर बेचना अपराध है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में कई स्थान पर ये किराना स्टोर पर भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। कौड़ियों के दाम मिलने वाली इन टेबलेट्स को मुंह मांगे दामों में बेच नशे के कारोबारी चांदी कूट रहे हैं। ऐसे में इसका कारोबार तेजी से पनपता जा रहा है।

नशे के रूप इस्तेमाल की जा रही दवाइयां

एल्प्रेक्स ट्राइका, एटीवान, लोराजीपाम, रिवोट्रील, क्लोनाजीपाम, प्राक्सीवान ऐसी दवाएं हैं, जिनका उपयोग नशे के लिए किया जाने लगा है। इन दवाओं को ज्यादातर नींद ना आना, दर्द और तनाव दूर करने मरीज को दिया जाता है। लोग इन दवाओं को अपनी सहूलियत के अनुसार लेकर नशे के रूप में इस्तेमाल कर रहे है। ऐसे युवाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही हैं।

अल्कोहल से ज्यादा नुकसानदायक नशीली गोलियां
विशेषज्ञ की माने ने तो इन दवाइयों का साइड इफेक्ट्स इतना है कि इसका सेवन करने के बाद इंसान ओवर कॅान्फिडेंस में चला जाता है। अल्कोहल के मुकाबले ये नशीली दवाइयां ज्यादा नुकसानदायक है। अल्कोहल पीने वालों को डोज पता होता है लेकिन गोलियों का डोज दिनोंदिन बढ़ते जाता है।
नशे की वजह से बन रहे अपराधी
कुरुद नगर के अधिकांश बड़े अपराधों हत्याओ में इन नशिली गोलियों की सलग्नता पाई गई हैं, इनका सेवन करने के बाद नशा करने वाला अपना पूरा होश हवास खो बैठता है उसे जरा भी एहसास नही होता कि नशे में वह क्या करने जा रहा है।