लगा आरोप तो पुलिस कार्रवाई की जद में आएं 06 ओवरलोड वाहन,रेत के अंतराज्यीय खेल पर क्या पुलिस व प्रशासन लगा पाएगी रोक..

रेत लोड वाहन छोड़े जाने के आरोप बाद हरकत में आई सूरजपुर पुलिस 06 वाहनों पर कार्यवाही,सार्वजनिक अपील जारी कर कहा ग्रामीण व मुख्य सड़कों पर चलेगा ओवरलोड वाहन परिचालन वरना होगी सख्त कार्यवाही.....


कार्यवाही व जप्ती उपरांत न्यायालय में पेश किया इस्तगाशा ,एक्टिव मोड का आगाज का दौर रहेगा बरकरार या फिर लागू होगी दोहरीनीति व रसूखदारी का खेल


सूरजपुर (विक्की तिवारी)।इन दिनों सोने सें अधिक रेत का भाव बरसात के सीजन दस्तक उपरांत बढने कि बातें स्थानीय स्तर पर निर्माण कार्य कराने वाले व्यक्ति से चर्चा कर दाम बढने कि वजह से बंद कराने से जुड़ी बातों से अवगत होंगे, वहीं दूसरी तरफ एनजीटी के निर्देश सहित मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा भी सख्त रूप से खनन पर प्रतिबंध का पालन कराने का निर्देश तो जारी हुआ है लेकिन सूरजपुर जिले में महज औपचारिक पूर्ण कर अपनी डफली अपना राग वाली गतिवीधीयां जवाबदेह विभाग कि कार्यशैली बयां कर रही है। आपको एक और अहम पहलू से अवगत कराते चलें कि खनन प्रतिबंध होने और उसका परिपालन कराने से जुड़ा उदाहरण इन दिनों पड़ोसी राज्य बतौर मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश में सूरजपुर जिले से रेत कि आपूर्ति के लिए बड़े माल वाहक वाहनों से आवाजाही खुले रूप से देखकर भी प्रशासन व पुलिस दोनों ही इस गंभीर विषय पर चुप्पी साधे हुए है।इसी कड़ी में बीते दिनों प्रतापपुर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत तय क्षमता से दुगना रेत लोड होकर परिवहन में शामिल वाहनों को कुछ घंटे तक रोकने उपरांत छोड़ने से जुड़ा आरोप लगने पर अचानक एक्टिव मोड में आई पुलिस टीम ने मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में करीब 06 ओवरलोड रेत परिवहन मे शामिल वाहनों पर कार्यवाही करने के साथ ही जिलें में ग्रामीण व मुख्य आवाजाही के मार्गों पर ओवरलोड वाहन परिचालन नहीं करनें का सार्वजनिक अपील से जुड़ी बातों का उल्लेख के साथ ही लगातार कार्यवाही करनें का दावा भी उल्लेखित है।अब अपने दावे पर सूरजपुर पुलिस कब तक एक्टिव मोड में रेत के खुले खेल पर अंकुश लगाने में सफल साबित होगी यह तो आने वाले दिनों में ही सामने आएगा।

बहरहाल प्रतिबंधित अवधि में करोड़ों रुपए का रेत बिक्री होने कि वजह से तमाम नियमों को ताक पर रखकर कागजों में बंद खदानों से रेत उत्खनन कर स्थानीय, पड़ोसी राज्यों में आपूर्ति के लिए परिवहन सहित अधिक से अधिक रेत संग्रहण करने का कार्य जिले में वैध व अवैध मिलाकर दर्जन भर स्थानों पर होने कि जानकारी सार्वजनिक रूप से होने के बाद भी रेत घाट, संग्रहण केंद्र का भौतिक सत्यापन के अलावा ग्रामीण विकास में रिढ कि हड्डी बतौर ग्रामीण सड़कों पर तम क्षमता अधिकतम 12 टन होने के बाद भी सड़कों को बदहाल स्थिति में लाने में रेत परिवहन अहम कारक बतौर होने के बाद भी जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य व मुख्य रूप से नियमों का पालन कराने के लिए जवाबदेह प्रशासनिक व पुलिस विभाग दोनों खामोश मुद्रा में होने कि वजह से दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगने के वावजूद गंभीरता से शायद ही इन विभागों के अफसरों व कर्मीयों द्वारा लिया गया होगा।आलम तो कुछ इस कदर है कि आधा अधूरा नियमों का पालन कर संचालित भंडारण केंद्रों सें बड़ी मात्रा में ओवरलोड रेत अंतरराज्यीय आवाजाही बकायदा बनारस रोड में दो सें तीन पुलिस थाना क्षेत्र के अलावा रेवटी पुलिस चौकी होकर गुजरने पर इनकी जांच व उपयोग में होने वाले अधिकांश दस्तावेज कूटरचित होने की बातें भी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।अब अपने दावों पर कबतक चाक चौबंद पुलिसिंग व्यवस्था के तहत मौजूदगी दर्ज कराने की कवायद में सूरजपुर पुलिस सफल होगी इसपर सभी की नजरे जरूर टीकी हुई है।

मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश का परिपालन कराने में गंभीरता नदारद........

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल व राज्य सरकार द्वारा अवैध तौर पर गौण खनिज संपदा में शामिल तमाम अवैध खनन पर सख्ती से रोकथाम लगाने के निर्देश उपरांत सूरजपुर जिला प्रशासन व पुलिस अमला महज खानापूर्ति की कार्यवाही करने के बाद क्षेत्र में धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर अवैध रेत खनन व नियमों की खानापूर्ति कर रेत भंडारण चलने पर चुप्पी का आलम से मुख्यमंत्री के निर्देश पर अफसरों की गंभीरता का आलम स्थानीय स्तर पर बेरोजगार युवाओं द्वारा ट्रैक्टर व अन्य छोटे माल वाहक वाहनों से रेत परिवहन पर कार्यवाही बताकर खानापूर्ति करने की वजह से दोहरीनिती अपनाने के आरोप स्थानीय स्तर पर रेत घाट संचालन वालें ग्रामीण क्षेत हो या स्थानीय छोटे स्तर पर निर्माण से जुड़े कार्यो में मेटेरियल परिवहन कर आजीविका वर्धन करनें वालें तबके में आक्रोश का कारण बतौर रेत भंडारण केंद्रों के प्रारंभ व संचालन पर औपचारिकता पूरी कर ग्राम पंचायत का प्रस्ताव लेकर खुले रूप में भंडारण करनें सें होने वाले परेशानी का सामना करने के वावजूद कोई सुनवाई नहीं होने के अलावा शासन द्वारा भंडारण केंद्र संचालन के लिए निर्धारित नियमों पर पालन किस हद तक संबंधित ठेकेदार व रसूखदारो द्वारा किया जा रहा है।इस विषय पर भौतिक सत्यापन , नियमों का पालन पर निगरानी सहित ग्रामीण सड़कों पर निर्धारित भार क्षमता से अधिक माल वाहक वाहनों से भंडारण के बाद अब बिक्री के लिए आवाजाही सें सड़क दुर्घटना व सड़क खराब होने का वजह बतौर तमाम गतिवीधीयों पर सख्ती से रोक व अंकुश लगाने के निर्देश भौतिक धरातल पर लागू नहीं के बराबर है। कुलमिलाकर यह आलम खुद में एक बड़ा सवाल बतौर है।


लगातार शिकायत सामने आने पर कार्यवाही का उल्लेख...

मंगलवार को जारी अधिकृत हुए रेत से लदे हुए 6 ओव्हर लोड वाहनों को पकड़ा है।रेत से लदे हुए ओव्हर लोड वाहनों के खिलाफ पुलिस को लगातार शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक सूरजपुर के निर्देश पर दोनों थानों की पुलिस ने प्रतापपुर में तथा अम्बिकापुर-बनारस मुख्य मार्ग में वाहन चेकिंग किया जिसमें प्रतापपुर पुलिस ने 04 वाहन तथा चंदौरा पुलिस ने 02 वाहन कुल 06 वाहनों को ओव्हर लोड पाया। इन वाहनों पर हुई कार्यवाही- वाहन में क्षमता से अधिक रेत लोड कर परिवहन करते पाए जाने वाले ट्रेलर वाहन क्रमांक यूपी 44 एटी 5249, ट्रेलर वाहन क्रमांक यूपी 44 बीटी 0175, ट्रक क्रमांक यूपी 67 एटी 5657, ट्रक क्रमांक यूपी 67 एटी 0104, ट्रक क्रमांक यूपी 50 बीटी 8118 एवं ट्रक क्रमांक यूपी 50 सीटी 6229 पर कार्यवाही की गई है।


पत्र जारी कर भूल गया परिपालन खनिज अमला, मानवबल कम होने का बहाना बरकरार.......


एक और रोचक तथ्य सें आपको अवगत कराते चले जिसमें रेत खनध पर पूर्णतः रोक लगाने से संबंधित पत्र जिसकी पूर्ण पुष्टि तो हम नही करते हैं लेकिन सूत्रों की हवाले से मिली जानकारी अनुसार पत्र खनिज विभाग द्वारा सभी रेत ठेकेदारों को जारी कर दिया है।बहरहाल इस पत्र में रेत की आपूर्ति स्वीकृत भंडारण केंद्र से करनें की छूट विभाग द्वारा दिया गया है। वहीं जिले के रेत खदान के संबंध में आपको बताते चलें कि सूरजपुर जिले में करीब 34 रेत खदाने स्वीकृत है जिसमें करीब 16 खदानों से रेत का उत्खनन खनिज विभाग के निगरानी में चल रहा था क्योंकि खनिज विभाग के पत्र अनुसार एनजीटी के नियमों अनुसार 10 जून से रेत खनन पूर्ण रूप से बंद होना अनिवार्य है। बहरहाल पत्र जारी होने के बाद संभवतः 10 से 12 दिवस गुजरने के बाद भी अधिकांशतः रेत घाटों पर रेत उत्खनन, परिवहन कर स्थानीय स्तर पर आपूर्ति के साथ पड़ोसी राज्यों के लिए परिवहन सहित संग्रहण केंद्रों पर अधिक सें अधिक रेत संग्रहाण करनें की जुगत में रेत खदान संचालक मनोयोग से जुटे हुए हैं। कुलमिलाकर स्थिति को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पत्र जारी कर खनिज विभाग अपने दायित्वों को पूर्ण कर चुका है, अगर ज्यादा मामला तूल पकड़ता है तो मानवबल की कमी से जुड़ा बहाना और पूर्व में खनन अवधि में शासन को राजस्व रेत सें दिलाने में अपनी वाहवाही खुद ही विभाग करनें लगता है और जांच का हवाला देकर मामलो पर पर्दा डालने की कवायद किया जाता हैं।