करोड़ों रुपए ठगने वाला गाजियाबाद से अरेस्ट:एप डाउनलोड कराकर डेढ़ लाख लोगों को लोन बांटा, फिर ब्लैकमेल करके पांच गुना रकम वसूली

भुवनेश्वर पुलिस ने करोड़ों रुपए की ठगी के मामले में एक आरोपी मोहम्मद जावेद सैफी को गाजियाबाद से पकड़ा है।

फर्जी लोन ऐप्लीकेशन के जरिए कई राज्यों के करीब डेढ़ लाख लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले आरोपी को भुवनेश्वर पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। पुलिस उसे 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भुवनेश्वर ले गई है। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने यह गिरफ्तारी गाजियाबाद पुलिस के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन से की है। आरोपी की पहचान मोहम्मद जावेद सैफी के रूप में हुई। यह व्यक्ति IWT इंडिया नामक फर्जी कंपनी का मालिक बताया गया है। पुलिस ने आरोपी को गाजियाबाद की CJM कोर्ट में पेश किया और 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर अब उसे भुवनेश्वर ले जाया गया है।

ओडिशा पुलिस की ईओडब्लू ने शुक्रवार को ट्वीट करके बताया कि यह गिरफ्तारी गाजियाबाद पुलिस के सहयोग से हुई है।

'कोको' और 'जोजो' एप कराई थी डाउनलोड
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सस्ते लोन का झांसा देकर प्ले स्टोर से डेढ़ लाख लोगों को 'कोको' और 'जोजो' एप डाउनलोड कराई गई। इसके बाद महाग्राम पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से इन खातों में तीन से पांच हजार रुपए की लोन राशि भेजी गई। जिस कंपनी ने यह पैसा भेजा, वह RBI के साथ NBFC के रूप में पंजीकृत नहीं है।
एप यूजर्स के खाते में जब पैसा आ गया तो उन्हें यह पैसा एक सप्ताह के भीतर पांच गुना ब्याज दर सहित चुकाने के लिए कहा गया। ऐसा करने से मना करने पर यूजर्स से गाली-गलौज हुई। उनके फोटो एडिट करके अश्लील रूप में वायरल करने की धमकी दी गई। दहशत में आए कुछ लोगों ने जो पैसा रिफंड किया, वह IWT इंडिया, गुरुग्राम नामक कंपनी के खाते में गया।

खाते में पड़े 6.57 करोड़ रुपए फ्रीज कराए
भुवनेश्वर पुलिस के पास ठगी की कई शिकायतें आईं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जब IWT इंडिया कंपनी की जांच की तो गाजियाबाद निवासी मोहम्मद जावेद सैफी का नाम सामने आया। जिसके बाद भुवनेश्वर और गाजियाबाद पुलिस ने जावेद को गिरफ्तार किया है। इस कंपनी के बैंक खाते में मौजूद मिले 6 करोड़ 57 लाख रुपयों को पुलिस ने फ्रीज करा दिया है।

शुरुआती पूछताछ में जावेद ने बताया है कि वह इस शैल कंपनी का प्रोपराइटर जरूर है, लेकिन कमीशन पर काम करता है। जावेद की बातों से साफ है कि इस गैंग में अभी कुछ और बड़े लोग शामिल हैं। इस केस की विस्तृत जांच के लिए ओडिशा पुलिस की EOW की तीन टीमें महाराष्ट्र, बिहार, यूपी और नई दिल्ली में अलग-अलग काम कर रही हैं। कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उन्होंने हैदराबाद पुलिस से भी संपर्क साधा है।

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अभी तक आपने फर्जी लोन ऐप के ज्यादा ब्याज पर लोन देने, रिकवरी के लिए कस्टमर्स को प्रताड़ित करने के मामले सुने होंगे, लेकिन अब इन गैरकानूनी लोन ऐप ने ठगी का नया तरीका ढूंढ निकाला है. इसके तहत जालसाज ऐसे लोगों को भी चपत लगा रहे हैं, जिन्होंने लोन लिया ही नहीं. ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों को बिना लोन लिए ही रिकवरी के मैसेज आ रहे हैं और उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे चल रहा है यह पूरा खेल और आप कैसे इससे बच सकते हैं.

इस तरह हो रहा फर्जीवाड़ा

पिछले कुछ महीनों में देश के अलग-अलग जिलों में साइबर सेल के पास ऐसी शिकायत आई हैं कि उनके पास लोन की पेमेंट से जुड़ा मैसेज आ रहा है, जबकि उन्होंने कोई लोन लिया ही नहीं है. दरअसल, जालसाज कई तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. वो रैंडमली नंबर टाइप कर उन्हें मैसेज भेजते हैं, या फिर किसी कस्टमर ने लोन लिया हो और उसकी फाइल प्रोसेस के दौरान ठग ने कॉन्टैक्ट एक्सेस लेकर नंबर निकालकर मैसेज भेजते हैं. मैसेज में लिखा जाता है कि आपने जो लोन लिया था, उसकी ड्यू डेट आज है. फौरन पैसे पे करें नहीं तो आपके कॉन्टैक्ट को आपके फ्रॉड होने का कॉल और मैसेज जाएगा. मैसेज में नीचे लिंक दिया होता है.

इस वजह से लोग आ रहे झांसे में

दरअसल, उस मैसेज में ठग धमकी देते हैं कि अगर आफ पैसे का भुगतान नहीं करेंगे तो आपकी फोटो औऱ अन्य डिटेल आपके सभी कॉन्टैक्ट यानी मोबाइल में मौजूद सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर करके बताया जाएगा कि आप फ्रॉड हैं औऱ पैसे नहीं दे रहे हैं. इज्जत की परवाह करके और कानूनी पचड़े में न पड़ने के चक्कर में लोग बिना लिए भी पैसे दे देते हैं. वहीं, कई लोग बस चेक करने के लिए लिंक पर क्लिक कर देते हैं. कुछ मामलों में देखा गया है कि लिंक पर क्लिक करते ही फोन हैक हो गया और ठगों ने पैसे ट्रांसफर कर लिए.

क्या सावधानी बरतें

  • अगर ऐसा कोई भी मैसेज आता है तो सबसे बेहतर है कि उसे इग्नोर कर दें, जब आपने लोन नहीं लिया है तो डरना कैसा.
  • मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें. उसे कोई भी रिप्लाई एक मैसेज मिलने पर ही न करें.
  • उस मैसेज को फौरन ब्लॉक कर दें और इस तरह के मैसेज मिलने की जानकारी वॉट्सएप स्टेटस पर शेयर कर दें, ताकि आगे अगर वह धमकी के अनरूप कुछ करे तो आपके कॉन्टैक्ट को पूरे मामले की जानकारी हो.
  • मैसेज मिलने के बाद किसी भी कीमत पर अपना बैंक स्टेटमेंट उसे शेयर न करें. ऐसी स्थिति में वह आपके स्टेटमेंट में उस दिन आए किसी ट्रांजेक्शन को क्लेम करते हुए आप पर दबाव बना सकता है. इसके अलावा उस सेम अकाउंट का ट्रांजेक्शन भी अपने खाते में न करें. नहीं तो इस ट्रांजेक्शन को वह अपना बता सकते हैं.
  • पुलिस और साइबर सेल को इस तरह की घटना की सूचना फरौन दें.
  • कोई भी अनजान नंबर से इस तरह के मैसेज मिलने पर फौरन उसे रिपोर्ट करते हुए ब्लॉक कर दें.