कोदो कुटकी और रागी के लड्डू, मुरकु,मिक्चर व कुकीज जल्द बनेगा प्रदेश के मानचित्र पर सूरजपुर की नई पहचान......

सूरजपुर 27 अप्रैल (खबर विशेष) । समग्र विकास की अवधारणा को भौतिक धरातल पर क्रियान्वयन से जुड़ी मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा सूरजपुर वनमंडल के क्षेत्र अंतर्गत आने वाले करीब 30 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के प्रबंधकों को जहां अब मासिक पारिश्रमिक 12 हजार 500 रूपए से बढ़कर अब 20 हजार रूपए मासिक मिलने की घोषणा उपरांत खुशी की लहर व्यापत है तो वहीं दूसरी तरफ वन धन योजना के तहत संचालित इकाई से जुड़े सदस्यों में भी उनके द्वारा तैयार किया जा रहा कोदो ,रागी, कुटकी से निर्मित लड्डू, मुरकु, कुकीज़ व मिक्चर की मांग बढने से अतरिक्त आमदनी का जरिया बनने से सदस्यों में उत्साह की लहर व्यापत है।आपको बताते चलें कि छत्तीसगढ़ राज्य में पहली दफा सूरजपुर वनमंडल के केतका वनधन प्रसंस्करण केंद्र पर बीपी व शुगर के मरीजों के लिए काफी लाभदायक साबित होने वाले कोदो ,रागी, कुटकी से लड्डू, मुरकु , कुकीज व मिक्चर का निर्माण कराने के लिए केंद्र पर कार्यरत सदस्यों को युवा आईएफएस अधिकारी व डीएफओ मनीष कश्यप द्वारा प्रोत्साहित कर बाजार में मांग व बिक्री के लिए तैयार कराने के लिए सतत निगरानी में उत्पादों को तैयार कराने के बाद स्थानीय स्तर पर इसकी बिक्री के लिए संभागीय मुख्यालय अम्बिकापुर के सीमार्ट स्टोर पर भेजा गया।जहां से इसकी बिक्री के प्रति लोगों में पौष्टिक्ता के संबंध में जानकारी मिलने पर उपयोग के लिए खरीदारी किया जा रहा है।वही उत्पाद तैयार करने के बाद शुरुआती दौर में इसके प्रति बढतें रूझान ,बिक्री सहित मांग में सकरात्मक परिणाम सामने आने के बाद अब सूरजपुर से निर्मित इन उत्पादों को जल्द ही राजधानी रायपुर के मुख्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में उपलब्धता सुनिश्चित कराने की दिशा में सक्रिय रूप से डीएफओ श्री कश्यप अपनी टीम व केंद्र सदस्यों को उत्पादों की गुणवत्ता, उनकी आकर्षक पैकिंग जैसी बारीकियों पर विशेष ध्यान रखकर तैयार कराने के लिए तैयारियां जोरों शोरों सें चल रही है।

लड्डू, मुरकु , कुकीज व मिक्चर है वीपी व शुगर के मरीजों हेतु फायदेमंद तो वहीं उत्पादों को तैयार कर बिक्री से बढेगी आमदनी होगा मिल का पत्थर साबित.......

आपको बताते चलें कि वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वन धन योजना के माध्यम से लघु वनोपज का क्रय एवं प्राथमिक प्रसंस्करण करने के लिए अधोसंरचना का निर्माण कराकर बकायदा प्रसंस्करण इकाई स्थापित कराने के साथ ही उत्पादों को वर्तमान में बाजार में बिक्री के लिए उनकी पैकिंग से लेकर उत्पादों के गुणवत्ता पर विशेष ध्यान में रखकरवनधन केन्द्र के माध्यम से आजीविका सृजन को लक्षित करने के साथ ही कुशलउद्यमी के रूप में तब्दील करने की मंशा को साकार करने के लिए सूरजपुर वनमंडल में डीएफओ मनीष कश्यप के नेतृत्व में चरणबद्ध तरीके से गतिवीधीयां संचालित हो रही है।वही उत्पादों के संबंध में सूरजपुर वनमंडल के डीएफओ मनीष कश्यप से चर्चा करनें पर उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वनांचल क्षेत्रों में उपलब्ध विविध उत्पाद में पौष्टिक तत्वों की प्रचुर मात्रा में होने की वजह से कोदो, रागी व कुटकी से निर्मित लड्डू, मुरकु और कुकीज़ के संबंध में बताया कि उक्त उत्पाद सबसे अधिक बीपी या शुगर जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए काफी फायदेमंद होती हैं।कुलमिलाकर इन कवायदो से लंबे अरसे बाद कोदो-कुटकी,रागी को फिर से उसकी पहचान दिलाने की कोशिशें के साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों में रूझान बढाने व आमदनी बढ़ाने के लिए अहम विकल्प बतौर प्राथमिकता के साथ कवायद संचालित किया जा रहा है।

पहले केवल मिलती थी कुकीज लेकिन अब सूरजपुर में निर्मित लड्डूमुरकु व मिक्चर नें बढाया रूझान..........

आपको एक और अहम पहलू से अवगत कराते चलें कि छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों में कोदो-कुटकी व रागी से केवल कुकीज ही सर्वाधिक तौर पर तैनात कर बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाता रहा लेकिन अब सूरजपुर जिले से इसके लड्डू , मुरकु व मिक्चर भी तैयार किया जा रहा है ।इसके साथ ही आकर्षक डिब्बों में पैकिंग को लेकर शुरूआती दौर सें ध्यान देकर संचालित गतिवीधीयां सफल बनकरआने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य क्षेत्रों में बिक्री के लिए उपलब्ध होने से सूरजपुर जिले की एक और नई पहचान मानचित्र पर गढने की राहों में अग्रसर होने की दस्तक व उत्पादो को तैयार करने में उत्साह व आमदनी बढ़ाने का जरिया बनने से खुशी की लहर व्यापत है।यह हम नहीं वरन वनधन केन्द्र केतका में जाकर एक्टिव मोड में लाकर कोदो रागी कुटकी के माध्यम से अबतक कुकिज ही बाजार में उपलब्ध होता था,उसकी जगह लड्डू,मुरकु व मिक्चर का निर्माण में सदस्यों की प्रतिक्रिया को सुनकर खुद ही हकीकत से रूबरू होंगे।