डॉ. अंबेडकर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पंचायतों की भूमिका" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया सम्पन

रायबरेली/ऊंचाहार

बृहस्पतिवार को डॉ. अंबेडकर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऊंचाहार जनपद रायबरेली में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अंतर्गत राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस (24 अप्रैल) के उपलक्ष्य में "लोकतंत्र के आधारभूत स्तंभ के रूप में पंचायतों की भूमिका" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रोफेसर राजेश कुमार यादव, संचालन समारोहक डॉ बालेन्द्र यादव और संयोजन डॉ विकास ने किया। महाविद्यालय के ही इतिहास विभाग की सहायक आचार्यद्वय डॉ रश्मि संत व डॉ नीता सोनकर ने मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्यान देते हुए कहा कि पंचायतों का उद्देश्य जन-जन का आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण करना है। भारत में त्रिस्तरीय पंचायतें बुनियादी लोकतंत्र का जीता जागता उदाहरण है । प्राचार्य प्रोफेसर राजेश कुमार यादव ने कहा कि गांधी के सपनों का भारत हमें पंचायतों के माध्यम से ही दिखाई पड़ता है और पंचायतों में अब महिलाओं के विकास के नारे महिलाओं के नेतृत्व में ही पूरे होते देखे जा रहे हैं इसलिए इनकी भागीदारी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। पंचायतों के कार्यों की चर्चा करते हुए डॉ विनोद सिंह ने कहा कि भारत में स्वच्छता के कार्यक्रम नागरिकों एवं पंचायतों के माध्यम से ही संभव हो पा रहे हैं। इसलिए पंचायती व्यवस्था को और अधिक सुविधासंपन्न बनाना जरूरी है। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के अन्य सदस्य व विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।