विकास खण्ड मिश्रित की ग्राम पंचायत तेलियानी में कार्य हुआ ही नही, निकल गई लाखों की धनराशि।

सीतापुर /भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और जवाबदेह सरकार देने का दंभ भरने वाले सूबे के मुखिया की नीतियों को मिश्रित विकास क्षेत्र पूरी तरह से धता बता रहा है जनता भौचक है और भ्रष्टाचारी चौचक। ज्ञातव्य हो कि उक्त ब्लाक में कुल 71 ग्राम पंचायत स्थित हैं जिनमें गठित ग्राम पंचायतों द्वारा विभिन्न मदों से अनेकानेक विकास कार्य कराए जाने का नियम दशकों से चला आ रहा है जिसमें शासन द्वारा आवंटित धन को हड़प कर अपनी जेबे शेरे पुस्तों द्वारा गरम की जा रही है उपरोक्त से ही संबंधित एक चौंकाने वाला मामला ग्राम पंचायत तेलियानी का प्रकाश में आया है जहां दो बन्धो का निर्माण कराया ही नहीं गया बल्कि दोनों कार्यों में स्वीकृत धनराशि में से अधिकांश धन निकाल कर हड़प किया जा चुका है जानकार लोग तो बताते यह है कि कुछ दंद फन्दियों द्वारा अवशेष बचे कार्य को पूरा कराने के नाम पर स्वीकृत धनराशि में से बची धनराशि को भी कार्य पूर्ण कराने के नाम पर हड़पने की भूमिकाओं का ताना-बाना बुना जा रहा है मामले में महिला ग्राम प्रधान द्रोपदी ने खण्ड विकास अधिकारी को लिखित शिकायती पत्र देकर इस बात का खुलासा करते हुए कार्यवाही किए जाने की मांग करके कहा है कि उक्त दोनों बंधा निर्माण प्रधान और सेक्रेटरी की देखरेख में नहीं कराए गए हैं मामले में बताते चलें कि रामदीन के खेत से बनवारी के खेत तक बंधा निर्माण कराना एक लाख चौसठ हजार रुपए की लागत से स्वीकृत लिखा पढ़ी में दिखाई गई है जिसमें से 73 हजार रुपयों का मनरेगा धनराशि से आहरण करके उसे चपत लगा दी गई है इसी तरह इसी तेलियानी ग्राम पंचायत में चंद्रभाल के खेत से बराती के खेत तक बंधा निर्माण कार्य दो लाख तैंतीस हजार रुपए की कार्य स्वीकृत दर्शा कर इकसठ हजार रुपयों का आहरण भी कर लिया गया है इन दोनों कार्यों में मजेदार बात तो यह है कि जब उक्त दोनों कार्यों की शुरुआत ही नहीं हुई तो निकाल कर हजम की गई धनराशि गई तो गई कहां मामला जिला प्रशासन और प्रदेश शासन के सामने जांच तथा कार्यवाही का एक गंभीर विषय उत्पन्न करता है कहना गलत ना् होगा कि तेलियानी ग्राम पंचायत ही नहीं ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा धनराशि से मिट्टी के कच्चे कार्य कराना कागजों में दिखाकर आवंटित सरकारी धनराशि को हड़प करने का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है जबकि इस मद की धनराशि से कराए गए कार्य कहीं धरातल पर नजर ही नहीं आ रहे हैं।