कोयले की अवैध खनन से ग्रामीण जन की हुए थी मृत्यु। सक्रिय कोल माफिया द्वारा अवैध खनन से ग्रामीण की मृत्यु होने की बन रही संभावना।

बैकुंठपुर। पटना के कोयलांचल क्षेत्र में इन दिनों कोयला का अवैध उत्खनन जोरों पर है, वही बात की जाए तो कोल माफियाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर कोयले की तस्करी की जा रही है,कोयले के अवैध खनन से ग्रामीण की हुई थी मृत्यु,कोयलांचल क्षेत्र होने के कारण कोयले का खनन ग्रामीण के द्वारा किया जाता है जिसे कॉल माफियाओं के द्वारा कम दामों में खरीद लिया जाता है कोल माफिया के द्वारा कोयले को ईट भट्ठों में अधिक दामों में खपाया जा रहा है । जिस पर शासन प्रशासन के द्वारा मात्र दिखावे की कार्यवाही की जाती है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा आदेश जारी किया गया था कि अवैध खनन रेत, कोयला व अन्य सभी की अवैध खनन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए तो वही लगातार शासन-प्रशासन व संबंधित विभाग के द्वारा लगातार कार्रवाई की गई है।नवन्यूक्त कलेक्टर कुलदीप शर्मा के आदेशानुसार वर्तमान मे अवैध खनन पर कार्यवाही की जा रही है, किन्तु सबसे बडा प्रश्न यह खडा है कि राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त, सविप्रा व सोनहत भरतपुर विधायक के क्षेत्र मे लगातार रेत माफियाओं के द्वारा रेत का अवैध खनन चल रहा है दिन रात लेकिन कलेक्टर के आदेश का पालन केवल अन्य जनपद क्षेत्रों मे ही किया जा रहा है। ग्रामीणों व आमजन का कहना है की प्रशासन के द्वारा भी अब मुह देख कर कार्यवाही की जा रही है। भरतपुर जनकपुर क्षेत्र मे रेत के अवैध कार्य मे लगे दर्जनों वाहन लगातार अवैध रेत परिवहन कर रहे है जिसके बाद भी खनिज विभाग व पुलिस विभाग कार्यवाही करनें मे डर रहा है, किन्तु जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर, सोनहत जनपद व मनेन्द्रगढ़ जनपद क्षेत्र मे लगातार अवैध खनिज पर विभागिय कार्यवाही जारी है। बैकुण्ठपुर क्षेत्र के लोग जो राजनितिक पहूंच रखते है वह लोग छोटे ट्रक मे तर्रा बसेर नदी से अवैध रेत परिवहन कर रहे है, इसकी संबंधित विभाग को होनें के बाद भी कार्यवाही से मुह मोड रहे है। वन विभाग अपना काम इमानदारी से कर रही है, किन्तु अन्य विभाग का सांथ नहीं मिलनें के कारण कार्यवाही करनें मे कोताही बरत रहे है। वहीं यदि बात करे जिला मुख्यालय से लगे कोयलांचल क्षेत्र पटना से निकल रहे अवैध कोयले पर भी कार्यवाही नहीं होती। कोल माफियाओं को राजनिति व जनप्रतिनिधि का समर्थन होनें के कारण पटना क्षेत्र मे बेखौफ अवैध कोयला का कार्य जारी है। पटना के कटोरा कोयला सेंटर मे कटकोना व पण्डोपारा से निकलनें वाला कोयला को रखा जाता है और वहां से कोयले की बिक्री होती है, किन्तु यहां पर सुत्रों की मानें तो एसईसीएल के कर्मचारी, कोयला लानें वाले वाहन चालकों की सांठ गांठ कोल माफियाओं से रहती है जिसका नतिजा रहता है की वाहन चालक माफियाओं के लिए रात के समय मे चितमारपारा व टेंगनी मोड़ के पास कोयला गिराते है, उक्त कोयले को माफिया एकत्रित कर बेंच देते है। कटोरा कोयला साईडींग से कई टीपर(ट्रक) कोयला अवैध तरीके से माफियाओं को कोयला बेंच दिया जाता है, कर्मचारियों के द्वारा। पटना क्षेत्र के आसपास के एरिया में सट्टा, कोयले व कबाड़ का अधैव कार्य जोरों सोरों से जारी, जिस पर कानूनी कारवाही करना प्रशासन के लिए चुनौती भरी है, कोल व कबाड माफिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होनें के कारण पुलिस विभाग भी कार्यवाही करनें मे बचती नजर आति है। पटना क्षेत्र से लगे हुए ग्राम अंगा, पुटा, देवखोल से कोयला निकाला जाता है, चितमारपारा व टेंगनी मोड मे ट्रकों के चालकों द्वारा कोल माफियाओं के कहनें से कोयला सडक पर गिराते है, कोयले को हाइवा, मिनी हाइवा व ट्रैक्टर में भरकर आस-पास के इलाकों के ईट भट्ठों में कोयला खपाया जाता है। शासन-प्रशासन को करोड़ो रुपयों का चुना लगाया जा रहा है, अवैध कारोबार कर रहे कोल माफियाओं पर कारवाही ना होना यह समझ से परे है।