सभी स्त्रियों में देवी का तत्व विद्यमान है : भैरव गौरव

- श्मशान में आयोजित महा उग्रतारा महायज्ञ में आयोजित हुई दशमहाविद्या पूजा -


बहराइच - नगर के सुप्रसिद्ध काल भैरव मंदिर स्वर्ग धाम त्रिमुहानी घाट में श्री श्री श्री मां तारणीम सेवा न्यास रजि. के तत्वावधान में गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर आयोजित श्री श्री पराभट्टारिका महा उग्र तारा यज्ञ में महाअष्टमी महानवमी व महादशमी पर विशेष पूजन कर महादेवी से सकल जगत कल्याण की कामना की गई।
महाचीनाचारी साधक अघोरी बाबा भैरव गौरव जी महाराज ने मध्य श्मशान में कुंवारी कन्याओं व सुहागिन स्त्रियों का षोडशोपचार पूजन कर महायज्ञ का आरंभ किया। दशमी तिथि को दश महाविद्या पूजन देकर देवी को तंत्रोक्त विधि से भोग दिया गया।
पूजन पश्चात सभी स्त्रियों ने भोग प्राप्त किया।
महाचीनाचारी साधक अघोरी बाबा भैरव गौरव जी महाराज ने बताया सभी स्त्रियों में देवी का तत्व विद्यमान है।
उन्होंने सँस्कृत की एक लाइन में स्त्री शब्द का सार समझाया।
"स्त्री या: समस्ता: सकला जगत्सु"
हे जगदंबा जगत की समस्त स्त्रियां तुम्हारा ही स्वरूप हैं और शक्ति के साधक प्रत्येक स्त्री को देवी के रूप में देखते हैं ।
अतः सभी को स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह देवी किसी न किसी रूप में चाहे वह मां हो बहन हो बेटी हो के रूप में इस संसार में है।
अघोरी बाबा भैरव गौरव जी महाराज के शिष्य शाक्त ईशान ने बताया कि श्मशान का नाम सुनते ही जहां आम जन मानस में एक प्रकार का भय व्याप्त हो जाता है और भूत प्रेत व जलती हुई लाशों का चित्रण मन पटल पर व्याप्त हो जाता है वहीं परम पूज्य गुरुदेव जी श्मशान के मध्य महादेवी उग्र तारा की प्रतिमा स्थापित कर महायज्ञ कर रहे हैं इस महायज्ञ में नवजात शिशुओं के साथ महिलाएं व पुरूष निर्भय होकर शामिल हो रहे हैं।
श्री श्री काल भैरव श्मशान घाट सेवा मण्डल के संयोजक एवं भैरव गौरव जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य शाक्त ईशान ने बताया मां महा उग्रतारा आद्या काली का ही स्वरूप है । समुद्र मंथन के समय निकले हलाहल विष को पीने से शाम्ब सदाशिव को छोभ्य उत्पन्न हुआ,इस छोभ को शांत करने के लिए स्वयं आद्या काली शिव के मां के रूप प्रकट होकर स्तन पान करा उन्हे अछोभ्य प्रदान किया।
मां उग्र तारा शिव की मां के रूप में जगत विख्यात हुई।
मां तारा तंत्र मार्ग में द्वितीय महाविद्या के रूप में पूजित हैं। इन्हें तारिणी भी कहा जाता है क्योंकि ये अपने साधक को भोग व मुक्ति प्रदान करती है। वहीं पूज्य गुरुदेव इसी श्मशान में महायज्ञ मे आगामी 14 फरवरी को फाग महोत्सव का आयोजन भी करा रहे हैं। जिसमें वृन्दावन व दिल्ली के कलाकार शामिल होंगे।