24 घंटे बाद भी नवजात बच्चे के लाश का नहीं मिला कोई सुराग, सीसीटीवी कैमरा भी खराब,

कोरबा- कोरबा जिला अस्पताल में ममता को शर्मसार करने की घटना सामने आई है, जिसमें निर्मोही मां ने अपने नवजात शिशु को अस्पताल के पुरुष वार्ड में मौजूद प्रसाधन में मरने के लिए अकेला छोड़ दिया। नवजात आंखें खोलने से पहले ही दुनिया से रुखसत हो गया। पुलिस निर्मोही मां की तलाश में जुटी है। दरअसल कोरबा के जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में मौजूद शौचालय में एक नवजात शिशु की लाश मिलने की घटना से अस्पताल में हडकंप मचा, यह घटना 18 अक्टूबर सोमवार लगभग सुबह 9:30 बजे की है, बताई जा रही है, जब सफाई कर्मचारी ने पुरुष प्रसाधनको साफ करने के लिए पहुंचा और उनका नजर नवजात शिशु के लाश पर पड़ा तो उन्होंने आनन फानन में मौजूदा नर्स एवं पुलिस को सूचना दी गई है। पुलिस द्वारा छानबीन कर नवजात शिशु के लाश का पंचनामा पोस्टमार्टम कर दफन किया गया, पुलिस ने मामले की छानबीन शुरु कर दी है। लगभग 10 घंटे से अधिक हो चुके अभी भी पुलिस की पकड़ से आरोपी कोसों दूर,

नवजात शिशु बच्चे के लाश के गर्भपात पर उठे कई सवाल-जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में मौजूद शौचालय में एक नवजात बच्चे की लाश मिलने से कई सारे सवाल उठ रहे हैं, सूत्रों ने बताया कि शौचालय में मिले नवजात शिशु लाश लगभग 5 महीने का है, जबकि एक महिला का प्रसव लगभग 9 महीने के बाद बच्चे को जन्म देती है, लेकिन या मामला गर्भपात की ओर सवाल खड़ी कर रही है, अगर निष्पक्षता जांच की जाए तो कहीं ना कहीं जिला अस्पताल के डॉक्टर एवं नर्स का मिलीभगत उजागर हो सकता है, इससे भी पहले जिला अस्पताल में कई मामले को उजागर किया जा चुका है लेकिन उच्चअधिकारियों द्वारा करवाई करने की वजह मोटी रकम लेकर मामला को दबा दिया जाता है, देखना यह होगा कि नवजात बच्चे के दोषियों को कब तक सलाखों के पीछे भेजने में कामयाब हो पाती है जिला प्रशासन,

जिला अस्पताल में लगभग 1 महीने से सीसीटीवी बंद-जिला अस्पताल कोरबा 100 बिस्तर की सुविधा है। यहां हर रोज बड़ी संख्या में मरीज व उनके स्वजन रात में ठहरते हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां लगाए अधिकांश सीसीटीवी कैमरा बंद पड़े हैं। कुछ के तो फुटेज ही खराब है,जिसका फायदा उठाया गया और पुरुष वार्ड के शौचालय में नवजात शिशु बच्चे की लाश को फेंका गया, यदि सीसीटीवी कैमरा चालू होती तो उस ममता को शर्मसार करने वाली महिला एवं उनको संरक्षण देने वाली डॉक्टर एवं नर्स को गिरफ्तार कर लिया जाता है, अब यह मामला पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।