गाज़ियाबाद के फौजी का उत्तराखंड में 16 साल बाद बर्फ में दबा मिला शव

उत्तरप्रदेश में गाज़ियाबाद के शहीद फौजी अमरीश त्यागी का शव उनकी मौत के ठीक 16 साल बाद उत्तराखंड में बर्फ में दबा मिला है ।
आपको बता दें पर्वतारोही फौजियों का दल 2005 में गंगोत्री हिमालय की सबसे ऊंची चोटी सतोपंथ पर तिरंगा फैराकर वापस लौट रहा था। रास्ते में संतुलन बिगड़ने से हादसा हो गया। जिससे दल के 4 जवान सैकड़ों फीट खाई में जा गिरे और शहीद हो गए। जिसमें से एक अमीश त्यागी भी थे। पर्वतारोहियों ने जब शव की तलाश की तो 4 जवानों में से अमीश त्यागी का शव उनको कहीं नहीं मिला। अमरीश त्यागी गाज़ियाबाद के हिसाली गांव के रहने वाले थे। हाल ही में 12 सितम्बर को भारतीय सेना का 25 सदस्यों वाला एक दल जब स्वर्णिम विजय वर्ष के मौके पर सतोपंथ चोटी को फतेह करने उत्तरकाशी से निकला था तो इसी अभियान के दौरान 23 सितम्बर को हर्षिल नाम की जगह के पास उनको अमरीश त्यागी का शव दबा मिला। शव को सेना के जवानों ने गंगोत्री पहुंचाया और पुलिस को सौंप दिया।
पुलिस और सेना ने जब जानकारी जुटाई तो पता चला कि अमरीश 2005 में इसी चोटी पर तिरंगा फैराकार लौट रहे थे। तब पैर फिसलने से 4 जवान खाई में गिर गए थे जिसमे से एक अमरीश त्यागी भी थे। बाकी 3 सैनिकों के शव उसी समय बरामद हो चुके थे लेकिन अमरीश का कहीं दिनों ढूंढने पर भी नहीं मिला था तो आर्मी ने 2006 में अमीश को मृत घोषित कर दिया था।
शव की पहचान हो जाने के बाद आर्मी मुख्यालय से 3 जवानों का दल को 25 सितम्बर को अमरीश के पैतृक गांव हिसाली पहुंचा। जहां उनके भाईयों को 16 साल बाद अमीश के शव मिलने की खबर सुनाई।
शहीद अमीश त्यागी के शव की पहचान हो जाने पर अब उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।