लकड़ी व बाँस की पटरी के सहारे निर्मित पुल टूटने से जान जोखिम में डालकर घर जाते हैं ग्रामवासी

अमेठी। दो दशक बीत गए कई सरकार के विधायक व मंत्री आए और चले गए।उनका कार्यकाल भी पूरा हो गया।लेकिन कोई भी जनता से किये गए वादे को अमली जामा पहनाने को तैयार नही है। कांग्रेस, सपा ,बसपा व भाजपा के नेताओं ने वोट लेने के लिए जनता की नब्ज टटोलकर वायदे किए और सत्ता मिलते ही वायदे से मुकर गए। लोगों को आज भी अपने घर आने जाने के लिए बांस की बल्ली और पटरी से निर्मित पुल पार कर अपने घर जा जाना पड़ता है। कल हुई तेज बारिश से रैदहा मजरे अग़हर नाले पर निर्मित लकड़ी का पुल जमीदोज होकर पानी में बह गया ।जिससे लोगों को आवागमन में असुविधा हो रही है।

मामला अमेठी जनपद केकोतवाली अमेठी के अगहर गांव का है। जहां पर लोगों को आने जाने के लिए रैदहा नाला पार करना पड़ता है ।नाले के उस पार लगभग 300 घर निवास करते हैं जो जान जोखिम में डालकर बरसात में अपने घर जाते हैं। कल हुई तेज बारिश में लकड़ी और बांस का निर्मित पुल टूट गया ।जिसके कारण लोगों को नाले में घुस कर आना जाना पड़ रहा है ।इस गांव की आबादी लगभग 5000 है इस पुल से खुशड़ी मजरे महाराजपुर ,गोसाई का पुरवा मजरे अगहर, सीता देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों व ग्राम वासियों का आना जाना लगा रहता है। पुल टूट जाने से लोगों का आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। जिससे उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर बहते हुए नाले में होकर अपने घर जाना पड़ता है ।यह समस्या पिछले 20 वर्षों से बरकरार है।पूर्व मे अमेठी से सांसद रह चुकी सोनिया गांधी ,सपा सरकार में खनन मंत्री रह चुके गायत्री प्रसाद प्रजापति, वर्तमान में भाजपा से विधायक गरिमा सिंह ने अपने चुनावी समर में पुल बनवाने का वादा किया था ।लेकिन दो दशक बीत गए ना कांग्रेस की सरकार ने,न सपा की सरकार और ना ही वर्तमान बीजेपी सरकार ने लोगों के दुख-दर्द को नहीं समझा । समस्या के समाधान के लिए पूर्व में कांग्रेस से सांसद रह चुकी सोनिया गांधी,पूर्व विधायक गायत्री प्रसाद प्रजापति,व अमेठी से वर्तमान विधायक गरिमा सिंह को प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है। लेकिन सबने वादा करके भूल जाने वाली नीति अपनाई ।अपने वादे को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है ।जिससे ग्रामवासी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं ।इस समस्या की जानकारी अगहर के प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार यादव ने मीडिया को दी और बताया कि चुनाव के समय नेता आते हैं और वायदे करके चले जाते हैं। उनका जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं होता है।