करोड़ो का धान खुले आसमान के नीचे

रायपुर- छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार द्वारा जहाँ किसानों से 2500 रुपये में धान खरीदी कर अपने किये वादों को पूर्ण करने में कोई कसर नही छोड़ी। दूसरी तरफ लिए गए धान को राइस मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग के माध्यम से मिलिंग करवाने में सरकार पिछड़ती हुई दिख रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरीदी हुई धान बरसात में में जहा खराब होने का खतरा हैं। वही राज्य के राइस मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग अनुबन्ध चाह कर नही हो पा रहा हैं। इस विषय पर जब हमने पड़ताल की तो ज्ञात हुआ कि राज्य में अभी 20 लाख क्विटल के करीब धान अभी बाकी है। प्रदेश के अधिकतर मिलरों द्वारा मिलिंग छमता के अनुसार कस्टम मिलिंग या तो पूर्ण किया जा चुका हैं।बचे हुवे मिलरों द्वारा मिलिंग किया जा रहा है। वही कुछ राइस मिलर द्वारा मिलिंग छमता बढ़ाकर कस्टम मिलिंग करने आवेदन भी प्रस्तुत किया गया हैं । परंतु इस विषय पर विभाग के अधिकारी विशेष ध्यान नही दे पा रहे है जिस वजह से मिलरों का नया अनुबन्ध नही हो पा रहा है।देखना यह है कि करोड़ो की धान खुले आसमान के नीचे रखने से खराब न हो जाये इस विषय पर जिम्मेदार अधिकारी क्या करते हैं।