महिलाओं बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों पर एक सवाल???

कुरुद- ??एक सवाल?? आज मेरे मन मे एक अजीब सी हलचल है कोई बताये मुझे मेरे प्रश्नों के हल.... मेरा बस एक ही सवाल, क्या मेरा बस एक ही कसूर है,की मैं एक लड़की हूँ? अपनी शक्ति और सामर्थ्य बढ़ाने सारे जहान में दुर्गा,लक्ष्मी, सरस्वती, के रूप में आह्वाहन कर मुझे ही बुलाया, लेकिन शक्तिवान होकर इस दुनियां ने मुझे ही आघात पहुचाया.... जब मैं छोटी बच्ची बनकर तुम्हारे घर मे आयी, तुमने ही मुझे सारी बलाओ से बचाया,बुरी नजर से बचाने काला टीका लगाया लेकिन दूसरों के बच्चो पर तुमने ही नजर लगाया.... अपनी बेटी को पढ़ाया लिखाया उसकी मंजिल तक पहुचाया, लेकिन दुसरे की बेटी पढ़ लिखकर मंजिल तक पहुंच गई तो, पग-पग पर उसकी अश्मिता को ठेस पहुचाया इतने में भी तुम्हे रास न आया तुमने उसे जिंदा जलाया....कभी आशिफ़ा कभी निर्भया,कभी प्रियंका, के रूप में तुमने हर पल रुलाया, मेरा बस एक ही सवाल,क्या मेरा बस यही कसूर है कि मैं एक लड़की हूँ????लेखिका-हेमलता साहूकार