हे भगवान ! 24 वर्ष का जवान और लंबाई 21 इंच

अमेठी में रहते हैं यूपी के सबसे छोटे व्यक्ति 21 इंच लंबाई वाले 24 साल के युवा

अमेठी : ऐसे तो दुनिया में अजब गजब कद काठी के लोग मौजूद हैं इनमें से कुछ का नाम गिनीज बुक में भी रिकॉर्ड हो चुका है। ऐसे में आज आपको अमेठी जिले के एक व्यक्ति के बारे में बताते हैं जिसकी उम्र तो 24 वर्ष पूरी हो चुकी है लेकिन उनकी लंबाई मात्र पौने दो फुट यानी 21 इंच ही है। जी हां लंबाई सिर्फ 21 इंच है और उम्र 24 वर्ष देखने और सुनने में अटपटा तो जरूर लग रहा है लेकिन यह सत्य है।

अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के पूरे सुब्बा पांडे रेसी गांव निवासी सिराज अली के घर 1 जनवरी 1997 को किलकारी गूंजी और घर में खुशियां छा गई मोहल्ले में मिठाईयां बांटी गई। लोगों ने बधाइयां भी खूब दी। परिजनों ने बेटे का नाम रमजान अली रखा। धीरे-धीरे करके रमजान अली 5 साल का हुआ लेकिन लंबाई कुछ खास नहीं बढ़ी, 10 साल का हुआ, फिर 20 साल का हुआ और आज 24 साल का हो चुका है रमजान लेकिन आज उसकी लंबाई सिर्फ 21 इंच तक ही पहुंची है। रमजान अली का आधार कार्ड भी बन गया है।

आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 21 इंच के 24 वर्षीय नौजवान को अपना दैनिक क्रिया कर्म करने में भी कितनी दिक्कत होती होगी आज की स्थिति यह है कि रमजान को हर समय एक अदद सहारे की जरूरत रहती है। बिना किसी के सहारे रमजान अपने आप को हर कार्य में अक्षम पाते हैं। गूगल पर सर्च करने के बाद उत्तर प्रदेश में सबसे छोटे कद काठी के व्यक्ति रमजान अली ही है ऐसे में सरकार को कुछ मदद कर रमजान के लिए कुछ करने की जरूरत है।

मीडिया ने रमजान के घर पहुंच रमजान व उनके पिता से बातचीत की तो उनका दर्द छलक पड़ा। रमजान ने बताया मेरा खाना पीना बहुत गरीबी से हो पा रहा है। मेरे पिताजी खेती किसानी करते हैं जिससे किसी तरह से काम चल रहा है। रमजान ने कहा कि सरकार की तरफ से अभी तक हमें किसी भी तरह की कोई सुविधा का लाभ नहीं मिला। यही बात कमोबेश रमजान के पिता सिराज अली भी बताते हैं कि सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली है। बस जैसे-तैसे जिंदगी कट रही है। 24 वर्षीय रमजान को मीडिया ने उठाकर जब कुर्सी पर बैठाया तो बहुत खुश हो गया इतना ही नहीं मीडिया के सामने रमजान की मां ने रमजान को गोद में लेकर भी चलती हुई दिखलाई पड़ी।

ऐसे में सवाल उठता है कि 21 इंच लंबाई वाला 24 साल का व्यक्ति का जीवन या काफी मुश्किलों भरा हो सकता है अभी तो उसके माता-पिता जीवित हैं लेकिन यदि भगवान ना करें कि रमजान अकेले हो जाएं तो उनका जीवन यापन कैसे होगा सरकार को इस पर ध्यान देना होगा।