5 साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार शुरू किया तो उन्हें एक समस्या का सामना करना पड़ा

5 साल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार शुरू किया तो उन्हें एक समस्या का सामना करना पड़ा। कोरोना प्रोटोकॉल को देखते हुए जनता दरबार में कई सावधानियां बरती गई। CM नीतीश कुमार की टेबल के सामने शीशा की दीवार लगा दी गई थी। इससे CM फरियादियों की बात को स्पष्ट सुन नहीं पा रहे थे। एक फरियादी ने सैलरी का जिक्र किया तो सीएम को सहेली सुनाई पड़ी। दूसरे ने जमुई का जिक्र किया तो नीतीश जमीन समझ बैठे।

ऐसे में CM नीतीश कुमार के सामने फरियादी बोल कुछ और रहे थे और CM सुन कुछ और रहे थे। जब सुनने में दिक्कत होने लगी तो CM फोन के जरिए फरियादियों की समस्या सुनने लगे। नीतीश कुमार को कई बार शब्द सुनने में दिक्कत हो रही थी।

दिक्कत हुई तो सीएम फोन से सुनने लगे

दरअसल, CM की टेबल के सामने दीवार की वजह से आमने-सामने की आवाज स्पष्ट सुनाई नहीं दे रही थी। ऐसे में फरियादी कह कुछ रहे थे सुनाई कुछ दे रहा था। जमुई के एक फरियादी ने कहा कि जमुई से आया हूं तो CM ने उस जमुई को जमीन सुन लिया। जब आवाज स्पष्ट नहीं हो रही था तो CM ने अपने कर्मचारियों को फोन से बात कराने को कहा। एक नियोजित शिक्षिका ने कहा कि उसकी सैलरी बंद है तो CM को लगा कि उसकी सहेली बंद है। फिर उस शिक्षिका ने बताया पिछले दो साल से उसे सैलरी इसलिए नहीं मिल रही है क्योंकि उसने पिता की जगह पर अपने ससुर का नाम लिख दिया था और अपनी मां की जगह पर अपनी सास का नाम लिख दिया था। शिक्षिका ने कहा कि उसने अज्ञानता वश ऐसा कर दिया था। CM ने उक्त शिक्षिका की समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया।

CM के सामने रो पड़ी छात्रा

गया की एक छात्रा सोमवार को मुख्यमंत्री के सामने ही रो पड़ी। गया के बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पॉलिटेक्निक में पढ़ाई की चाहत लेकर पहुंची छात्रा ने बताया कि महज दो महीने लिया गया बेरोजगारी भत्ता, अब उसके पूरे करियर पर भारी पड़ रहा है।

बिलखती हुई बोली- 2 महीने तक बेरोजगारी भत्ता लिया तो नहीं मिल रहा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड

छात्रा का कहना था कि उसका बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नामांकन हो चुका है, लेकिन उसे स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड नहीं मिल पा रहा। वजह यह है कि उसने दो महीने तक बेरोजगारी भत्ता लिया है। छात्रा सीएम के सामने रोती हुई कहती रही, सर प्लीज स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिलवा दीजिए, पढ़ना चाहते हैं, पैसा लौटा दूंगी। इस पर मुख्यमंत्री ने इस मामले को शिक्षा विभाग को सौंप दिया और अब शिक्षा विभाग इस पर अंतिम फैसला लेगा।

जनता दरबार में ब्लैक फंगस का भी मरीज पहुंचा

सीएम के जनता दरबार में ब्लैक फंगस का भी एक मरीज आया। सीएम के सामने उसने कहा कि सर, मुझे ब्लैक फंगस है। यह सुनते ही सीएम नीतीश कुमार हैरान रह गए। उन्होंने उस फरियादी को तत्काल स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया गया। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को फोन लगा कर कहा कि देखिए, एक लड़का आया है। वह बता रहा था कि उसे ब्लैक फंगस है, क्या करना है देखिए।