हे राम ! यहां तो बीजेपी उम्मीदवार का खाता ही नहीं खुला



खबर यूपी के अमेठी से है जहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में ब्लाक प्रमुख पद का चुनाव संपन्न हुआ। इस चुनाव में भाजपा ने अपने कई समर्थित प्रत्याशियों को उतारा था लेकिन सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा अमेठी के भेटुवा ब्लॉक से आया जहां भाजपा समर्थित प्रत्याशी एक भी वोट हासिल नहीं कर सका तो वही एक निर्दलीय उम्मीदवार आकाश शुक्ला ने 27 मत पाकर अपनी जीत दर्ज कराई। इस जीत को क्षेत्र में एक बड़ी जीत के रूप में माना जा रहा है। भेटुआ ब्लाक में कुल 50 बीडीसी सदस्य रहे जिसमें 27 मत निर्दलीय प्रत्याशी आकर्ष शुक्ला को मिले तो वही 22 मत दूसरे प्रत्याशी रेनू सिंह को मिले एक मत अवैध घोषित किया गया चौंकाने वाली बात यह थी कि भाजपा द्वारा समर्थित प्रत्याशी को एक भी वोट नहीं मिला।
वहीं दूसरी तरफ भादर ब्लाक में भाजपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह 40 मत पाकर विजई रहे। तिलोई ब्लॉक से भाजपा की प्रत्याशी अर्चना सिंह 58 वोट पाकर विजई रहीं। शाहगढ़ ब्लॉक से कांग्रेस के प्रत्याशी सदाशिव यादव 23 वोट पाकर विजई हुए तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी 14 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे।
संग्रामपुर ब्लॉक से कल्लन देवी 25 मत पाकर विजई रहीं। बहादुरपुर ब्लॉक से निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रकली 32 मत पाकर जीत दर्ज कराई तो वही बाज़ारशुक्ल ब्लॉक से निर्दलीय रहमतुल निशा 57 मत पाकर विजई रहीं।
बताते चले कि जनपद की बहुचर्चित सीट भेटुआ के ब्लाक प्रमुख बनने का सपना सजोने वाले भाजपा समर्थित उम्मीदवार का खाता ही नही खुला।
बीते कई दिनों से जनपद में चर्चा का विषय बनी क्षेत्र पंचायत की इस सीट पर कयास लगाया जा रहा था कि मुकाबला रोचक होगा किन्तु परिणाम कुछ अलग ही आया। आज चुनाव मे अमेठी के कद्दावर बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री आशीष शुक्ला के पुत्र आकर्ष शुक्ला ने आखिरकार फतह कर ही ली।
देखा जाय तो भाजपा ने अमेठी में 13 सीट में से एक भी ब्राम्हण चेहरे को टिकट नहीं दिया था जो कि पहले ही चर्चा का विषय बन चुका था जबकि अमेठी में ब्राम्हण की संख्या पर्याप्त माना जाता हैं लेकिन उसके बाद भी भाजपा ने एक भी ब्राम्हण को प्रमुख पद के लिए टिकट नही दिया। अमेठी के भेटुआ ब्लाक से भाजपा को ये करारा झटका कहा जा रहा है ।
मतगणना के बाद आकर्ष शुक्ला को मिली जीत से जहाँ उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ी, वहीं भाजपा समर्थित उम्मीदवार का खाता भी न खुलने से क्षेत्र की जनता के बीच चर्चा का विषय बनता देखा जा रहा है|

आपको बता दें आशीष शुक्ला प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे हैं और वर्तमान में भाजपा के कद्दावर नेता हैं। उनके आवेदन देने के बावजूद पार्टी ने उनके पुत्र को समर्थन पत्र न देकर भेटुआ से सचेन्द्र प्रताप सिंह को पार्टी समर्थित उम्मीदवार बनाया। चूंकि आकर्ष अपने 29 साथियों संग क्षेत्र पंचायत को सीटों पर विजयी हुए थे। समर्थकों के दबाव में उन्होंने भी ब्लाक प्रमुख पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की।
भेटुआ प्रमुख पद का यह चुनाव परिणाम जनपद में भाजपा प्रत्याशी चयन टीम पर भी सवालिया निशान उत्पन्न करती है क्योंकि भाजपा समर्थित उम्मीदवार सचेन्द्र प्रताप सिंह अपना खाता भी नहीं खोल सके।ब्लाक प्रमुख पद के लिए पडे 50 मतों में जहाँ 27 मत आकर्ष शुक्ला के पक्ष में रहे वहीं शेर बहादुर सिंह की पत्नी रेनू सिंह को 22 क्षेत्र पंचायत सदस्यों का समर्थन प्राप्त हुआ तथा एक मत अवैध घोषित हुआ।

चुनाव को लेकर तिलोई व संग्रामपुर ब्लॉक में काफी गहमागहमी का माहौल रहा व दोनों जगह पुलिस व प्रशासन पर प्रत्याशी के पक्ष में मिलीभगत करने का आरोप भी लगाया गया। संग्रामपुर में विधायक प्रतिनिधि अनंत विक्रम सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि दूसरे पक्ष से सुबह से ही लगभग 70 गाड़ियों में 200 लोग बाहर से बुलाकर छावनी में तब्दील हो गए थे। इसके साथ साथ पुलिस और प्रशासन ने भी उन्हीं की मदद की। प्रतिनिधि अनंत विक्रम सिंह ने कहा कि अभी-अभी प्रतापगढ़ व जौनपुर से एक-एक व्यक्ति को पुलिस हमारे सामने पकड़ कर लेकर गई है लेकिन अभी थाने से उनको छोड़ दिया जाएगा। हम लोग चल रहे हैं थाने का घेराव करेंगे