कोरोना काल में भी भोली - भाली जनता को लूट रहे स्वयं SDO विद्युत अमेठी

एक तरफ जहां योगी सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हुए अधिकारियों को निर्देश देती है तो वहीं अमेठी में भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुके विद्युत विभाग की मनमानी इस कोरोना काल में भी थमने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के द्वारा उपभोक्ताओं से अनर्गल वसूली करने का मामला प्रकाश में आता है । उच्चाधिकारियों की जानकारी में आने के बाद जब इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जाती है तो अधिकारियों की आंख नहीं खुलती है। विभाग के ऐसे लोगों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं होती है जिससे आम जनमानस पूरी तरह से त्रस्त हो चुका है और की बात तो छोड़ दीजिए यहां पर अधिकारी स्वयं भोली-भाली जनता एवं उपभोक्ताओं को अपना शिकार बना रहे हैं ।

ताजा मामला अमेठी कस्बे में स्थापित विद्युत सब स्टेशन का है जहां पर तैनात एसडीओ अमरजीत बर्मा एक उपभोक्ता गौरेश बहादुर सिंह निवासी गूजीपुर, सहजीपुर थाना संग्रामपुर से पिछले 2 माह पहले एप्रोक्सीमेट बिजली का बिल बताकर 18000 रुपये ले लेते हैं जिसके बाद 31 दिसंबर को यानी बैक डेट में एसडीओ के द्वारा दो रसीद काटी गई जिसमें एक रसीद 2000 रुपये की तथा दूसरी रसीद 4525 रुपये की थी। इस प्रकार कुल 6525 रुपये की रसीद काटी और जब रसीद उपभोक्ता को मिली तब उसके होश उड़ गए क्योंकि रसीद पर कुल देय रुपया 9602 ही था जिसके लिए एसडीओ ने उपभोक्ता से 18000 रुपये वसूले थे । इस पर पीड़ित के द्वारा जब शिकायत की गई तब एसडीओ ने कहा कि बाकी का बचा पैसा वापस कर दिया जाएगा जिसके लिए पीड़ित ने उनसे जब भी पैसा वापस करने की बात की तो एसडीओ के द्वारा कोविड-19 जैसा कोई न कोई बहाना बनाकर टाल दिया जा रहा था।

पीड़ित 2 महीने से लगातार दौड़ रहा रहा था। काफी हील हुज्जत के बाद अभी 2 दिन पहले कुछ पैसा वापस किया गया लेकिन अभी भी पूरा वापस नहीं मिल सका है जिसके लिए पीड़ित ने जिले के अधीक्षण अभियंता विद्युत और तहसील के एसडीएम को पत्र लिखकर शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की है। इसी के साथ मीडिया के माध्यम से भी ऐसे घूसखोर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग करते हुए कहा है कि जब तक ऐसे अधिकारी बने रहेंगे तब तक जनता का शोषण होता रहेगा।

इस पूरे मामले में जब आरोपी एसडीओ से बात करने एवं उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तब उन्होंने कहा कि 3 दिन बाद बात करने की बात कह कर फोन काट दिया गया।