ब्लैक फंगस से निपटने के लिए प्रदेश में मात्र 295 नेत्र सहायक , ये कैसी तैयारी है सरकार की?

​​​ब्लैक फंगस से निपटने के लिए प्रदेश में मात्र 295 नेत्र सहायक , ये कैसी तैयारी है सरकार की?

प्रदेश में एक गंभीर महामारी ब्लैक फंगस अपने पांव पसारती जा रही है जबकि राज्य सरकार इससे निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाई है , ब्लैक फंगस आंखों में फैलने वाली बीमारी है सही समय पर जांच एवम इलाज न मिलने पर मरीज की आंख निकालनी पड़ती है ।

बेरोजगार नेत्र सहायक संघ के उपाध्यक्ष करण गोयल ने बताया की प्रदेश की 7 करोड़ जनसंख्या पर महज 295 नेत्र सहायक कार्यरत हैं जो की संभवतः बहुत कम हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश में 600-700 प्रशिक्षित नेत्र सहायक बेरोजगार घूम रहे हैं ।

वर्तमान स्तिथि यह है की प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मान सिंह जयपुर एवम जवाहर लाल नेहरू अजमेर जैसे अस्पतालों में नेत्र सहायकों का एक भी पद स्वीकृत नहीं है आखिर वहां जनता की जांच एवम उपचार कैसे किया जाता है ये एक बड़ा सवाल है ।

इस क्रम में लैब टेक्नीशियन रेडियोग्राफर एवम नेत्र सहायक तीनों की शैक्षणिक योग्यता समान है एवम लैब एवम रेडियो के पद पी एच सी तक सृजित हैं परंतु नेत्र सहायकों के पद सभी सी एच सी पर भी पूर्ण नहीं हैं । अतः जल्द से जल्द पी एच सी स्तर तक पद सृजित कर नेत्र सहायकों को नियुक्ति मिलनी चाइए ।