चंदौली-इसे विडंबना कहें या मंत्री जी की सुस्ती या कहीं विभागीय अधिकारियों की घालमेल

इसे विडंबना कहें या मंत्री जी की सुस्ती या कहीं विभागीय अधिकारियों की घालमेल

चंदौली-भाजपा सरकार में जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विकास कार्यों को लेकर लगातार प्रयासरत है। लेकिन कहीं-कहीं भाजपा सरकार द्वारा किए गए वादे पूरी तरह फेल साबित होते नजर आते हैं।और योगी सरकार के गांव को फेल करने में उनके ही लोगों का हाथ शामिल रहता है। और विकास कार्य को उसके विडंबना या फिर विभागीय अधिकारियों के घालमेल की संज्ञा दी जाती है।

जी हां हम बात कर रहे हैं चंदौली जनपद के सकलडीहा कस्बे की।जहां सकलडीहा निवासी व कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के घर से कुछ ही दूरी पर करीब 10 किलोमीटर की लंबी सड़क अभी तक दूर व्यवस्था की भेंट चढ़ गई है और 1 साल बीत जाने के बाद भी उस क्षतिग्रस्त सड़क का मरम्मत नहीं किया जा सका है।

आखिर मंत्री के घर के चंद कदम दूरी पर क्षतिग्रस्त सड़क का निर्माण में हो पाने को आखिर क्या कहा जाए। क्या यह एक विडंबना है या फिर खुद इस मामले को संज्ञान में होने के बाद भी मंत्री अनिल राजभर सुस्त पड़े हुए हैं।और सड़क का मरम्मत कार्य नहीं करना चाहते। या फिर अगर हम इस मामले पर चंदौली जनपद के विभागीय अधिकारियों की घालमेल कहे तो ज्यादा अच्छा होगा। क्योंकि चंदौली जनपद में अगर बड़े पैमाने पर विकास कार्यों को देखा जाए तो उसमें घालमेल करने में विभागीय अधिकारियों की ज्यादा भूमिका रहती है।

और करीब 1 साल पहले से ही सड़क क्षतिग्रस्त होने के बाद पहली ही बरसात में सड़क पर बने गड्ढों के बीच पानी भर गया है और पूरा सड़क पर जलजमाव की स्थिति हो गई है। जहां लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कीचड़ के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है।

अब देखना यह होगा कि क्या खबर प्रकाशित करने के बाद मंत्री जी की आंखें खुल जाती हैं और मंत्री जी सड़क निर्माण कार्य के लिए प्रयास करते हैं या फिर उसी तरह सुस्ती दिखाते रहते हैं। और कब तक इस सड़क का मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।